
Who Was Rohit Arya: मुंबई पुलिस ने गुरुवार को पवई के RA स्टूडियो की बिल्डिंग में 17 बच्चों सहित 19 लोगों को बंधक बनाने वाले रोहित आर्या को गोली मार दी। आर्या ने बच्चों को ऑडिशन के लिए बुलाया और उन्हें एयरगन और ज्वलनशील स्प्रे का डर दिखाकर बंधक बनाया था। जब दोपहर 1 बजे तक कोई भी बच्चा लंच के लिए नीचे नहीं आया और न ही उनके माता-पिता थिएटर में जा पाए, तो लोगों को शंका हुई। पड़ोसी इमारतों में रहने वाले लोगों ने भी थिएटर की बंद खिड़कियों के भीतर से बच्चों के रोने और मदद लगाने की गुहार सुनी। जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने रोहित आर्य का एनकाउंटर कर दिया। जानते हैं रोहित आर्या से जुड़े कुछ फैक्ट्स।
50 साल का रोहित आर्या पुणे का रहने वाला था। पहले वो शॉर्ट वीडियो फिल्म बनाता था। रोहित शादीशुदा था, लेकिन उसका कोई बच्चा नहीं था। कुछ समय पहले ही वो चेंबूर में अपनी बहन के अपार्टमेंट में रहने चला गया था।
महाराष्ट्र में जब शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे की सरकार थी तो उस दौरान शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर थे। इनके कार्यकाल में रोहित को स्कूल प्रोजेक्ट का टेंडर मिला था। लेकिन रोहित आर्य का आरोप था कि उसे उस प्रोजेक्ट के 2 करोड़ रुपए नहीं मिले। शुरुआती जानकारी अब सामने आ रही है कि जब दीपक केसरकर मंत्री थे, तब उन्होंने अक्सर उनके आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया था।
सोशल मीडिया पर शेयर किए गए एक वीडियो में, आर्या ने दावा किया कि उसका बच्चों को नुकसान पहुंचाने का कोई इरादा नहीं था और वो बस कुछ लोगों से बात करना चाहता था, जो उन्हें महाराष्ट्र शिक्षा विभाग द्वारा उसके पैसे वापस दिलाने में मदद कर सकें। हालांकि, शिक्षा विभाग के कर्मचारियों ने बताया कि आर्या ने कभी कोई बिल जमा नहीं किया और वो अपनी बात बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रहा है।
एक पुलिस अधिकारी ने मीडिया को बताया कि रोहित आर्या इससे पहले दो मौकों पर पूर्व शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर के सरकारी बंगले के बाहर धरने पर बैठे थे। पहली बार जुलाई-अगस्त 2024 और दूसरी बार अक्टूबर 2024 में आजाद मैदान में उन्होंने राज्य शिक्षा विभाग के खिलाफ विरोध जताया था।
रोहित आर्या की पत्नी अंजलि आर्य ने मीडिया को बताया कि उनके पति अपने प्रोजेक्ट के लिए सेंक्शन पेमेंट पाने के लिए संघर्ष कर रहे थे, जिसे केसरकर से मंजूरी मिल चुकी थी। हालांकि, केसरकर का दावा है कि आर्या बिना किसी डॉक्यूमेंट के भुगतान की मांग कर रहे थे और उन्होंने अधिकारियों की बात सुनने से इनकार कर दिया। 2022 से 2024 तक महाराष्ट्र के शिक्षा मंत्री रहे शिवसेना नेता दीपक केसरकर ने कहा, मानवता के नाते मैंने रोहित को अपने पर्सनल अकाउंट से कुछ राशि का भुगतान किया था।"
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