कौन है अमृतपाल सिंह: प्रो खालिस्तानी से लेकर 'वारिस पंजाब दे' तक, क्या है भिंडरावाले कनेक्शन? जानिए पूरी कहानी

पंजाब पुलिस के लिए 35 दिनों से सिरदर्द बना खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह रविवार को गिरफ्तार कर लिया गया। अजनाला थाने पर हमले के बाद उसका नाम चर्चा में आया था। उस घटना में पंजाब पुलिस बैकफुट पर दिखी।

चंडीगढ़। पंजाब पुलिस के लिए 35 दिनों से सिरदर्द बना खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह रविवार को गिरफ्तार कर लिया गया। अजनाला थाने पर हमले के बाद उसका नाम चर्चा में आया था। उस घटना में पंजाब पुलिस बैकफुट पर दिखी। भगवंत मान सरकार भी इस घटना के बाद विरोधियों से घिर गई थी। फिर अमृतपाल को अरेस्ट करने का उपक्रम शुरु हुआ तो पूरा पंजाब हाई अलर्ट मोड में आ गया। अफवाहों का बाजार गर्म हो गया। पुलिस सरगर्मी से उसकी तलाश कर रही थी और वह पुलिस से आंख मिचौली खेलता रहा। उसके साथियों को तो पुलिस ने अरेस्ट कर लिया। पर भगोड़ा अमृतपाल सिंह अब तक पुलिस की पकड़ से दूर था। 'वारिस पंजाब दे' संगठन प्रमुख और प्रो खालिस्तानी छवि वाले अमृतपाल सिंह को अक्सर कुख्यात जनरैल सिंह भिंडरावाले से भी जोड़कर देखा जाता है। आइए जानते हैं इसके बारे में सब कुछ।

दीप सिध्दू की मौत के बाद बना 'वारिस दे पंजाब' प्रमुख

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एक्टर व एक्टिविस्ट दीप सिध्दू ने 'वारिस पंजाब दे' संगठन बनाया था। किसान आंदोलन के समय दीप सिध्दू चर्चा में आया था। उसके लाल किले पर धार्मिक झंडा फहराने को लेकर माहौल गरमाया था। दीप सिध्दू की 15 फरवरी 2022 को एक सड़क हादसे में मौत हो गई। उसकी मौत के कुछ दिनों बाद ही अमृतपाल सिंह दुबई से लौटा था और संगठन का प्रमुख बना। संगठन के नाम से वेबसाइट बनाई और लोगों को संगठन से जोड़ने का काम शुरु कर दिया। किसान आंदोलन में भी अमृतपाल ने इंटरेस्ट दिखाया था।

भिंडरावाले के पैतृक गांव से ही संभाली थी संगठन की कमान

प्रो खालिस्तानी अमृतपाल सिंह ने 'वारिस पंजाब दे' संगठन की कमान कुख्यात खालिस्तानी जरनैल सिंह भिंडरावाले के पैतृक गांव रोडे में ही संभाली थी। संगठन की पहली वर्षगांठ पर (29 सितंबर 2022) इसी गांव में एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया गया था। उसी कार्यक्रम में अमृतपाल को प्रमुख बनाया गया था। उस वक्त भी यह चर्चा थी कि अमृतपाल ने रणनीतिक तरीके से संगठन प्रमुख की पगड़ी पहनने के स्थान का चयन किया था।

उसी गुरुद्वारे से गिरफ्तार, जहां पगड़ी बांधने की हुई थी रस्म

जिस गुरुद्वारे से अमृतपाल सिंह को अरेस्ट किया गया है। उसी गुरुद्वारे में अमृतपाल सिंह की पगड़ी बांधने की रस्म यानि दस्तारबंदी हुई थी। खालिस्तान लिबरेशन फोर्स के पूर्व मुखिया गुरजंट सिंह का भी यही गांव है।

जानिए क्या है भिंडरावाले कनेक्शन?

अमृतपाल सिंह भी भिंडरावाले की तरह भारी नीली गोल पगड़ी पहनता है और छोटी कृपाण रखता है। कट्टरपंथी भाषण देकर भी यह चर्चा में आया। फिर अजनाला थाने पर हमले को पूरे देश ने देखा। जब पंजाब पुलिस के जवान उन्मादी भीड़ के सामने बेबस हो गए। सिख युवाओं के बीच हेट स्पीच देकर लोकप्रियता हासिल करने की कोशिश भी की और युवाओं का उकसा कर समान विचारधारा वाले लोगों का एक गैंग बनाने की रणनीति पर चलता रहा। यह भी सामने आया कि अमृतपाल सिंह ने भिंडरावाले की तरह दिखने के लिए सर्जरी भी कराई। ताकि उसका छदम वेश धारण कर लोगों को उकसा सके। वह अपने मकसद में कामयाब हो पाता। उसके पहले ही पुलिस ने उस पर शिकंजा कस दिया।

कौन है अमृतपाल सिंह?

अमृतपाल सिंह (30 वर्षीय) मूलतः पंजाब के जल्लूपुर गांव का रहने वाला है। गांव के ही स्कूल से उसने 12वीं तक पढ़ाई की। साल 2012 में वह दुबई गया और ट्रांसपोर्ट का कारोबार शुरु कर दिया। अमृतपाल के अधिकतर रिश्तेदार दुबई में ही निवास करते हैं। पिछले साल पंजाब में शिवसेना नेता सुधीर सूरी की हत्या हुई थी। उसमें भी अमृतपाल का नाम आया था। तब पुलिस ने उसे सिंगावाला गांव में नजरबंद किया था।

एनआरआई किरणदीप से की शादी

अमृतपाल सिंह ने अपने पैतृक गांव में बीती 10 फरवरी को एनआरआई लड़की किरणदीप से शादी की थी। किरणदीप मूल रूप से जालंधर के कुलारां गांव की रहने वाली है। उसका परिवार कुछ समय पहले इंग्लैंड में बस गया था।

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