गुरुवार के दिन अचानक से किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल की तबीयत बिगड़ गई, जिसके चलते वो बेहोश हो गए हैं। साथ ही उन्हें उल्टियां भी हुई हैं। दल्लेवाल का बल्ड प्रेशर भी काफी कम हो गया। इस पर अब सुप्रीम कोर्ट सख्त होती नजर आई है।
शूंभ बॉर्डर। किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल की हालत इस वक्त खराब हो गई है। गुरुवार के दिन अचानक से दल्लेवाल की तबीयत बिगड़ गई, जिसके चलते वो बेहोश हो गए हैं। साथ ही उन्हें उल्टियां भी हुई हैं। दल्लेवाल का बल्ड प्रेशर भी काफी कम हो गया। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए पुलिस के सीनियर अधिकारी भी खनौरी बॉर्डर पर जा पहुंचे हैं। इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की है। अपनी बात में कोर्ट ने कहा कि ऐसा कौन सा डॉक्टर है जोकि 24 दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे 70 साल के दल्लेवाल को बिल्कुल सही बात रहा है?
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप ये कैसे कह सकते हैं कि दल्लेवाल ठीक हैं? जबकि उनकी कोई जांच नहीं हुई है, ब्लड टेस्ट तक नहीं हुआ है, कोई ईसीजी तक नहीं हुई है। तो कैसे कह सकते हैं कि वो पूरी तरह से ठीक हैं? इससे पहले 18 दिसबंर के दिन भी सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को लेकर सुनवाई की थी। उस दौरान कोर्ट की तरफ से ये कहा गया कि दल्लेवाल की तबीयत ठीक रहे इस बात की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है। ऐसा इसीलिए क्योंकि उनकी लोगों की उनसे भावनाएं जुड़ी हुई है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि किसान आंदोलन शंभू बॉर्डर पर 13 फरवरी 2024 से चल रहा है। साथ ही खनौरी बॉर्डर पर भी किसान धरने पर मौजूद हैं। हरियाणा पुलिस इस पूरे मामले को कंट्रोल करने में लगी हुई है। 10 जुलाई के दिन पंजाब-हरियाणा कोर्ट ने आदेश जारी किया था कि एक हफ्ते के अंदर शंभू बॉर्डर को खोला जाए। इस फैसले के खिलाफ हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। जब 12 अगस्त के दिन सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई तो उन्होंने एक लेन महिलाओं, बुजुर्गों, छात्रों और एंबुलेंस के लिए खोले जाने का आदेश दिया। 30 दिसंबर के दिन किसान आंदोलन के नेता सरवण पंधेर ने पंजाब बंद करने की बात कही है। साथ ही कहा कि जो लोग आंदोलन का समर्थन करते हैं वो इसका हिस्सा जरूर बनेंगे।
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