बिहार के गया में फल्गु नदी में बम को निष्क्रिय करते वक्त हादसा हो गया। अचानक फटे बम की चपेट में पांच पुलिसकर्मी आ गए। घायल पुलिस कर्मियों में बम निरोधी दस्ते के दो जवान भी शामिल हैं।
गया। बिहार के गया में फल्गु नदी में बम को निष्क्रिय करते वक्त हादसा हो गया। अचानक फटे बम की चपेट में पांच पुलिसकर्मी आ गए। घायल पुलिस कर्मियों में बम निरोधी दस्ते के दो जवान भी शामिल हैं। जब हादसा हुआ, उस समय बम को नदी के किरानी घाट पर डिफ्यूज किया जा रहा था।
अपराधी की निशानदेही पर बरामद हुए थे बम
फिलहाल, घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। मीडिया रिपोर्टस के अनुसार, पुलिस ने एक कुख्यात अपराधी को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में उसने बम को फल्गु नदी में एक जगह छिपाने की बात बताई। उसी अपराधी की निशानदेही पर पुलिस ने छह बम बरामद किए। उन्हीं बमों को डिफ्यूज कराने के लिए रविवार को बम निरोधक दस्ता बुलाया गया था। उस दौरान गया पुलिस और एसटीएफ के जवान भी मौजूद थे। बम डिफ्यूज करते समय यह हादसा हुआ। जिसकी चपेट में पुलिसकर्मी आ गए।
चेहरों पर भी आई चोटें
बताया जा रहा है कि इस हादसे में तीन जवानों को विस्फोट के बाद बम से निकले छर्रे लगे हैं। जिससे उनके चेहरे पर चोटें आयी हैं। बहरहाल, बम डिफ्यूज करते समय हुए हादसे के बाद पुलिस महकमें में अफरा तफरी मच गई। पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है।
पुलिस का कहना है कि 6 बमों को डिफ्यूज करते समय विस्फोट हुआ। जिसमें कोतवाली थाने के एक दारोगा घायल हुए। चार अन्य पुलिसकर्मियों को भी चोटें आयी हैं। उनके बेहतर इलाज के लिए मगध मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया है। कुख्यात अपराधी गजनी की निशानदेही पर बमों को बरामद किया गया था।
2022 के केस में जब्त किया गया था बम
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि वर्ष 2022 के केस में बम जब्त किया गया था। रविवार को उन बमों को डिफ्यूज करने की तारीख निर्धारित की गयी थी। बम डिस्पोजल टीम के शिव प्रसाद पासवान और कांस्टेबल अर्जुन पंडित फल्गु नदी के किरानी घाट पर गए थे। यह जांच के बाद पता चल पाएगा कि बम में विस्फोट की वजह क्या थी। घायलों की हालत गंभीर है, उनका आईसीयू में ड्रेसिंग वगैरह चल रहा है।