बेअदबी की सजा पाने के बाद सुखबीर बादल ने स्वर्ण मंदिर में बर्तन-टॉयलेट धोया

Published : Dec 03, 2024, 04:32 PM ISTUpdated : Dec 03, 2024, 06:54 PM IST
Sukhbir Singh Badal

सार

बेअदबी मामले में सजा पाए पूर्व सीएम सुखबीर बादल ने स्वर्ण मंदिर में सेवा की। गुरुद्वारा में बर्तन धोने और सफाई करने के बाद गार्ड की ड्यूटी भी निभाई।

Ex CM Sukhbir Singh Badal sacrilege punishment: पूर्व सीएम सुखबीर सिंह बादल को मिली बेअदबी की सजा मंगलवार से शुरू हुई। गले में तख्त लटकाए पंजाब के पूर्व सीएम गुरुद्वारा में टॉयलेट और किचन की सफाई करने के बाद स्वर्ण मंदिर में गार्ड की ड्यूटी करते नजर आए। सिख धर्म की सबसे बड़ी संस्था अकाल तख्त ने उनको एक दिन पहले सजा सुनाई थी। अकाली दल के पूर्व प्रमुख सुखबीर सिंह बादल सुबह सवेरे अमृतसर के स्वर्ण मंदिर व्हील चेयर पर पहुंचे। उन्होंने सबसे पहले स्वर्ण मंदिर में बर्तन धोकर अपनी सजा की शुरूआत की। अकाल तख्त ने अगस्त में सुखबीर बादल को 2007 से 2017 तक पंजाब में सत्ता में रहने के दौरान पार्टी द्वारा की गई गलतियों के लिए धार्मिक कदाचार का दोषी ठहराया था और उन्हें "तनखैया" घोषित किया था।

अकाल तख्त ने सुनाई है सजा

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल को बेअदबी के मामले में सिखों की सर्वोच्च संस्था ने धार्मिक सजा सुनाई थी। बादल को अकाल तख्त द्वारा 'सेवादार' के रूप में काम करने की सजा सुनाई गई है। 2015 में गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामले में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम का पक्ष लेने के लिए स्वर्ण मंदिर सहित कई गुरुद्वारों में रसोई और शौचालय की सफाई का काम सौंपा गया है। हालांकि, तनखैया घोषित किए जाने के बाद सुखबीर बादल ने अपनी गलतियों को स्वीकार करलिया था और अकाल तख्त से बिना शर्त माफी मांग ली थी।

अकाल तख्त ने किया सजा का निर्धारण

सुखबीर बादल को सजा सुनाए जाने के लिए सोमवार को अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह के नेतृत्व में सिखों के पांच महापुरोहितों ने 'तनखाह (दुराचार के लिए धार्मिक दंड)' की मात्रा की घोषणा की। इसके अलावा जत्थेदार ने शिरोमणि अकाली दल कार्यसमिति से बादल का इस्तीफा स्वीकार करने और छह महीना के भीतर नई कार्यकारिणी के लिए पैनल बनाने को कहा।

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