
पटियालाः पंजाब के पूर्व पुलिस महानिरीक्षक (Inspector General of Police) अमर सिंह चहल ने अपने सुरक्षा गार्ड की रिवॉल्वर से खुद को गोली मारकर आत्महत्या की कोशिश की है। उन्होंने 8 करोड़ रुपये से ज़्यादा की ऑनलाइन धोखाधड़ी के बारे में 12 पन्नों का एक नोट लिखने के बाद यह कदम उठाया। यह घटना पंजाब के पटियाला में हुई, जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें तुरंत शहर के पार्क अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, अपने ही सुरक्षा गार्ड की बंदूक से खुद को गोली मारने से पहले, अमर सिंह चहल ने 12 पन्नों का एक डेथ नोट लिखा था। यह पत्र पंजाब के डीजीपी गौरव यादव को संबोधित किया गया है, जिसमें 8.10 करोड़ रुपये की ऑनलाइन धोखाधड़ी का जिक्र है। चहल पंजाब आईजी के पद से रिटायर होने के बाद से पटियाला में रह रहे थे। पटियाला के एसएसपी वरुण शर्मा ने बताया कि गोलीबारी की सूचना मिलने के बाद, पुलिस की टीमें मदद के लिए चहल के घर पहुंचीं। रिटायर्ड आईजी अमर सिंह चहल 2015 में फरीदकोट में हुए बेअदबी और कोटकपूरा गोलीकांड के मामलों में भी आरोपी थे। इस घटना में दो नागरिकों की मौत हो गई थी।
इस मामले के संबंध में, 24 फरवरी, 2023 को पंजाब पुलिस की विशेष जांच दल (SIT) ने फरीदकोट अदालत में चार्जशीट दायर की थी। इस एसआईटी का नेतृत्व तत्कालीन एडीजीपी एल.के. यादव ने किया था। रिपोर्ट के मुताबिक, इस चार्जशीट में कई बड़े राजनेताओं और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के नाम शामिल थे। इनमें पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, उनके बेटे और पूर्व गृह मंत्री सुखबीर सिंह बादल, पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी, आईजी परमराज सिंह उमरानंगल, पूर्व डीआईजी अमर सिंह चहल, पूर्व एसएसपी सुखमिंदर सिंह मान और एसएसपी चरणजीत सिंह शर्मा शामिल थे। अब अधिकारी पूर्व आईजी द्वारा लिखे गए डेथ नोट में दिए गए विवरणों की जांच करेंगे।
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