
Punjab Floods 2025: पंजाब की धरती इस बार बरसात से हरी नहीं हुई, बल्कि पानी की बूंदों ने इसे आफत बना दिया। पहाड़ों से उतरता पानी और लगातार बारिश अब तबाही का रूप ले चुका है। खेत, घर, सड़कें-सब जलमग्न हैं। हवा में घुली नमी के साथ घना डर भी है। राज्य सरकार ने मजबूरन पूरे पंजाब को आपदा प्रभावित क्षेत्र घोषित किया।
"हमने 40 साल में ऐसी बाढ़ नहीं देखी," मुख्य सचिव केएपी सिन्हा ने कहा। यह बाढ़ 1988 की भीषण बाढ़ से ज्यादा खतरनाक है।
पंजाब के 23 जिले बाढ़ की चपेट में हैं। करीब 1400 गांव पानी में डूब चुके हैं। गुरदासपुर में 324 और अमृतसर में 135 गांव पूरी तरह प्रभावित हैं।
सड़कें टूटी हैं, नावें अब जीवनरक्षक बन गई हैं। बच्चे, बुजुर्ग और किसान-सब इस आफत के बीच संघर्ष कर रहे हैं।
यह भी पढ़ें: यूपी में होमगार्ड की बंपर भर्ती शुरू होने जा रही है, 44 हजार पदों पर आवेदन का मौका
सरकारी आंकड़े बताते हैं कि अब तक 30 लोगों की जान गई, 3 अभी भी लापता हैं। पठानकोट, लुधियाना, अमृतसर, बरनाला और होशियारपुर में मौतों का सिलसिला जारी है। हर संख्या के पीछे एक परिवार का टूटता सपना है।
घग्गर नदी का जलस्तर 7 फीट तक पहुंच चुका है। खतरे का निशान 8 फीट है। मोहाली, नंगल और चमकौर साहिब में प्रशासन अलर्ट मोड पर है। सतलुज और ब्यास के किनारे बसे गांव भी पानी के खतरे में हैं।
जालंधर के बस्ती शेख में एक घर ढह गया। सौभाग्य से कोई जानी नुकसान नहीं हुआ, लेकिन धान और मक्का की हजारों एकड़ फसल पानी में समा गई। किसान अब दोहरी मार झेल रहे हैं-घर उजड़ा और फसल बर्बाद।
मुख्य सचिव ने सख्त कदम उठाए-छुट्टियां रद्द, जिला मजिस्ट्रेटों को आपात आदेश देने का अधिकार, बिजली-पानी-सड़क सेवाओं की बहाली।
गुरदासपुर के मंड क्षेत्र में 32 किलोमीटर का इलाका पूरी तरह पानी में डूब चुका है। नावों के सहारे लोग घरों से जरूरी सामान निकाल रहे हैं। बचाव दल और स्थानीय लोग मिलकर राहत पहुंचा रहे हैं।
पूरा राज्य आपदा प्रभावित घोषित होने के बाद सबसे बड़ी चुनौती पुनर्वास की है। लाखों लोगों को सुरक्षित ठिकानों तक पहुंचाना, भोजन और स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना आसान नहीं। विशेषज्ञ कहते हैं कि पंजाब को दीर्घकालिक बाढ़ प्रबंधन योजना की सख्त जरूरत है।
यह भी पढ़ें: पंजाब CM भगवंत मान ने शेयर की बाढ़ की भयानक तस्वीरें, ना रहने को घर-ना बचा खाना
पंजाब की राजनीति, किसान मुद्दे, रोजगार, सुरक्षा व्यवस्था और धार्मिक-सामाजिक खबरें पढ़ें। चंडीगढ़, अमृतसर, लुधियाना और ग्रामीण क्षेत्रों की विशेष रिपोर्ट्स के लिए Punjab News in Hindi सेक्शन देखें — ताज़ा और प्रामाणिक खबरें Asianet News Hindi पर।