
चंडीगढ़। पंजाब में आई भीषण बाढ़ से प्रभावित परिवारों की मदद के लिए नारायण सेवा संस्थान ने तेजी से कदम उठाया। संस्थान के अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल और निदेशक वंदना अग्रवाल ने राहत अभियान शुरू करने का निर्णय लिया। इस अभियान की जिम्मेदारी 8 सदस्यीय टीम को सौंपी गई, जिसका नेतृत्व डॉ. विवेक गर्ग ने किया।
संस्थान की निदेशक पलक अग्रवाल ने बताया कि राहत सामग्री से भरा ट्रक कैथल सेवा केंद्र से रवाना किया गया। इस ट्रक को दया गुप्ता ने हरि झंडी दिखाकर भेजा। राहत सामग्री खासतौर पर उन बच्चों, महिलाओं और परिवारों के लिए तैयार की गई थी, जो बाढ़ की वजह से बेघर हो गए थे।
संस्थान की टीम ने जरूरतमंदों तक पहुँचाने के लिए बड़ी मात्रा में सामग्री भेजी, जिसमें शामिल था:
संस्थान की टीम राहत सामग्री लेकर पाकिस्तान की सरहद से सटे गाँवों—अजनाला, मलिकपुर, कोटर जादा, सूफियान और अलीवल कोटली—तक पहुँची। वहाँ टीम ने बाढ़ पीड़ितों को सामग्री वितरित की और उनकी समस्याओं को करीब से समझा।
टीम ने राहत पहुँचाने के साथ-साथ स्वास्थ्य सेवाओं पर भी ध्यान दिया। बाढ़ के कारण फैल रही बीमारियों से बचाव के लिए दवाइयाँ, एंटीसेप्टिक और अन्य मेडिकल सामग्री बाँटी गई। बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों से संवाद कर उनकी तत्काल जरूरतें जानी गईं।
नारायण सेवा संस्थान की इस सेवा भावना को गाँव के लोगों ने खूब सराहा। मदद पाकर पीड़ित परिवारों के चेहरों पर राहत की मुस्कान लौट आई। इस अभियान ने दिखा दिया कि मानवता की सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है।
संस्थान की निस्वार्थ सेवा ने यह संदेश दिया कि कठिन समय में साथ खड़ा होना ही सच्चा सहयोग है। विपरीत परिस्थितियों में भी इंसानियत की मिसाल पेश कर नारायण सेवा संस्थान ने समाज को प्रेरणा दी है।
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