Love Marriage Ban In Punjab: बिना सहमति शादी की तो गांव से बाहर निकाल देंगे-मोहाली का नया नियम! वजह बने चाचा-भतीजी

Published : Aug 05, 2025, 08:02 AM IST
Love Marriage Ban Punjab

सार

Village vs Constitution: पंजाब के मोहाली में पंचायत का चौंकाने वाला फैसला-बिना परिवार की सहमति के प्रेम विवाह पर प्रतिबंध! प्रेमी जोड़ों को गाँव से निकाले जाने का फरमान, समर्थन करने वालों पर भी सज़ा? क्या परंपरा संविधान पर भारी पड़ रही है?

Punjab Panchayat Bans Marriage Without Family Consent: पंजाब के मोहाली जिले के मानकपुर शरीफ गांव में एक ऐसा फैसला लिया गया है जिसने लोकतांत्रिक व्यवस्था और व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर गहरे सवाल खड़े कर दिए हैं। ग्राम पंचायत ने एक प्रस्ताव पारित कर बिना परिवार की सहमति के प्रेम विवाह पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। पंचायत का यह निर्णय विवादों के घेरे में है, जिसे कई नेताओं और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने असंवैधानिक और तालिबानी फरमान करार दिया है।

क्या पंचायत ने पार की संविधान की सीमाएं?

31 जुलाई को सर्वसम्मति से पारित इस प्रस्ताव में कहा गया है कि परिवार की अनुमति के बिना शादी करने वाले जोड़े न तो गांव में रह सकते हैं, न ही आस-पास के इलाकों में बस सकते हैं। इतना ही नहीं, ऐसे जोड़ों को आश्रय देने या समर्थन करने वाले ग्रामीणों पर भी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। गांव के सरपंच दलवीर सिंह का कहना है, “यह कोई सज़ा नहीं बल्कि हमारी संस्कृति और परंपरा की रक्षा के लिए उठाया गया कदम है।”  उन्होंने बताया कि यह प्रस्ताव हाल ही में हुई एक घटना के बाद लाया गया है जिसमें 26 वर्षीय दविंदर ने अपनी 24 वर्षीय भतीजी बेबी से शादी कर ली थी। यह जोड़ा अब गांव छोड़कर जा चुका है, लेकिन इस घटना का यहां रहने वाले 2,000 ग्रामीणों पर असर पड़ा है। सिंह ने कहा, "हम प्रेम विवाह या कानून के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन हम अपनी पंचायत में इसकी अनुमति नहीं दे रहे हैं।" प्रस्ताव के अनुसार, ऐसे विवाहों को रोकने की ज़िम्मेदारी पूरे समुदाय की है। पंचायत ने पड़ोसी गाँवों से भी इसी तरह के उपाय अपनाने का आग्रह किया है।

प्रेम विवाह सामाजिक प्रतिष्ठा के लिए ख़तरा बन गया है? 

गांव के कुछ युवाओं और निवासियों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया है। उन्होंने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि गांव की संस्कृति और पारिवारिक प्रतिष्ठा को बचाए रखना ज़रूरी है, और आज के समय में रिश्तों की मर्यादा टूट रही है। हालांकि, दूसरी ओर कई नागरिक संगठनों, नेताओं और संवैधानिक संस्थाओं ने पंचायत के इस कदम को व्यक्तिगत स्वतंत्रता का उल्लंघन बताया है।

राज्य क्या करेगा? 

प्रशासन और पुलिस की भूमिका पर उठते सवाल मोहाली की अतिरिक्त उपायुक्त सोनम चौधरी और पुलिस अधीक्षक मोहित अग्रवाल ने साफ कहा है कि यदि दोनों पक्ष वयस्क हैं, तो वे कानूनन अपनी मर्ज़ी से शादी करने के लिए स्वतंत्र हैं। अभी तक कोई औपचारिक शिकायत नहीं आई है, लेकिन यदि आती है तो कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

मानवाधिकार बनाम पंचायत का दबाव: किसका होगा पलड़ा भारी? 

कांग्रेस सांसद धर्मवीर गांधी ने इस प्रस्ताव को "तालिबानी हुक्म" बताया और कहा कि प्यार करने और जीवनसाथी चुनने की आज़ादी हर वयस्क का मौलिक अधिकार है। पंजाब राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष राज लल्ली गिल ने इसे पूरी तरह असंवैधानिक बताते हुए जांच की बात कही है।

 

 

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