थाने में वकील की पिटाई, SP ने आरोपी के साथ कराया सेक्स, बात CM तक पहुंची तो हुआ ये हाल

पंजाब पुलिस के जवानों ने एक वकील को गिरफ्तार कर पहले प्रताड़ित किया फिर उसे एक साथी आरोपी के साथ सेक्स संबंध बनाने के लिए विवश किया। इस मामले की जांच के लिए चार सदस्यों वाली SIT (Special Investigation Team) का गठन किया गया है।

 

Vivek Kumar | Published : Sep 28, 2023 2:16 AM IST / Updated: Sep 28 2023, 07:52 AM IST

चंडीगढ़। हिरासत में लेकर वकील को प्रताड़ित करने के मामले में एक एसपी और दो अन्य पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया गया है। मामला मुक्तसर जिले का है। लुधियाना पुलिस कमिश्नर मंदीप सिंह सिद्धू के नेतृत्व में मामले की जांच के लिए चार सदस्यों वाली SIT (Special Investigation Team) का गठन किया गया है। एसआईटी की निगरानी अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (खुफिया) जसकरन सिंह करेंगे।

यह कार्रवाई पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के बार एसोसिएशन के नेताओं और मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ हुई बैठक के बाद की गई। सोमवार को एक एसपी रैंक के अधिकारी समेत छह पुलिसकर्मियों पर वकील को प्रताड़ित करने का आरोप लगा था। आरोप था कि इन्होंने वकील को साथी आरोपी के साथ सेक्स करने के लिए विवश किया।

इन पुलिसकर्मियों पर लगे हैं आरोप

इसके बाद मुक्तसर एसपी (इन्वेस्टिगेशन) रमनदीप सिंह भुल्लर, इंस्पेक्टर रमन कुमार कंबोज, कॉन्स्टेबल हरबंस सिंह, भूपिंदर सिंह, गुरप्रीत सिंह और होमगार्ड दारा सिंह के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। एसपी भुल्लर, इंस्पेक्टर रमन और कॉन्स्टेबल हरबंस सिंह को गिरफ्तार किया गया है।

काम का बहिष्कार कर रहे हैं वकील

SIT वकील द्वारा लगाए गए प्रताड़ना के आरोपों की जांच करेगी। रिपोर्ट पंजाब के निदेशक ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन को सौंपा जाएगा। मंगलवार को वकील के साथ यातना के आरोप पहली बार सामने आए थे। इसके बाद से पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट बार एसोसिएशन से जुड़े वकील पुलिसकर्मियों की बर्खास्तगी और गिरफ्तारी की मांग करते हुए काम का बहिष्कार कर रहे हैं।

14 सितंबर को वकील को किया गया था गिरफ्तार

वकील को अपराध जांच एजेंसी के प्रभारी रमन कुमार कंबोज की शिकायत के आधार पर 14 सितंबर को एक अन्य व्यक्ति के साथ गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि वकीलों ने पुलिस टीम पर हमला किया और कुछ अधिकारियों की वर्दी फाड़ दी। मुक्तसर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने 22 सितंबर को एक आदेश में पुलिस को वकील के बयान के आधार पर पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज करने का निर्देश दिया था।

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