
पंजाब में पिछले कई दशकों की सबसे भयंकर बाढ़ ने न केवल आम जीवन को प्रभावित किया है, बल्कि शिक्षा जगत को भी ठहराव में डाल दिया है। 27 अगस्त से भारी बारिश और बाढ़ की वजह से स्कूल-कॉलेज समेत सभी शिक्षण संस्थानों में छुट्टियां जारी थीं। अब मौसम में सुधार के साथ 8 सितंबर से स्कूल खोलने की तैयारी शुरू कर दी गई है, लेकिन बच्चों के लिए लौटने का समय 9 सितंबर निर्धारित किया गया है।
सरकार ने आदेश दिया है कि सोमवार, 8 सितंबर 2025 से स्कूल केवल शिक्षकों और स्टाफ के लिए खुले रहेंगे। बच्चों को स्कूल आने की आवश्यकता नहीं है। इसका उद्देश्य स्कूल इन्फ्रास्ट्रक्चर का निरीक्षण करना, साफ-सफाई सुनिश्चित करना और संभावित नुकसान का आकलन करना है।
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जिला स्तर पर स्कूल खोलने या बंद रखने का निर्णय स्थानीय डीसी द्वारा किया जाएगा, खासकर उन इलाकों में जहां बाढ़ या तेज बारिश का असर अभी भी बना हुआ है। स्कूल परिसर की सफाई, मरम्मत और संरक्षकता की स्थिति का पूर्ण निरीक्षण प्रधानाध्यापक, शिक्षक और स्थानीय पंचायत द्वारा किया जाएगा। इसके बाद 9 सितंबर 2025 से छात्र स्कूल लौट सकेंगे।
इस साल पंजाब में रिकॉर्ड बारिश हुई है, जिसमें पिछले कई सालों की तुलना में 37% अधिक बारिश दर्ज की गई। सतलुज, ब्यास और रवि नदियां उफान पर थीं और कई सहायक नाले भी बाढ़ की स्थिति में आ गए। इस प्राकृतिक आपदा में 46 लोगों की मौत हुई, लगभग 1.75 लाख हेक्टेयर फसल नष्ट हुई और करीब 2,000 गांवों में तबाही हुई।
मौसम विभाग (IMD) के अनुसार बारिश की तीव्रता में जल्द ही गिरावट आएगी और अगले 3–4 दिनों तक यह सुधार जारी रहने की संभावना है। सरकार और प्रशासन ने स्कूलों को खोलने के लिए रणनीति बनाई है, जिसमें स्वच्छता, निरीक्षण और सुरक्षा सुनिश्चित करना शामिल है।
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