संगरूर। पंजाब में इस वक्त काफी गंभीर माहौल देखने को मिल रहा है। रोजगार की मांग को लेकर मुख्यमंत्री आवास के बाहर ईटीटी बेरोजगार सांझा मोर्चा के कार्यकर्ताओं पर मंगलवार को पुलिस ने लाठीचार्ज किया। इस दौरान कई बेरोजगार अध्यापक बुरी तरह से घायल हो गए। इतना ही नहीं प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने पानी की बौछार डालकर उन्हें खदेड़ने तक की कोशिश की। इस पूरे हंगामे के दौरान बेरोजगार अध्यापकों और पुलिस के बीच जमकर धक्कामुक्की भी होती हुई दिखाई दी। करीब चार घंटे बठिंडा-चंडीगढ़ नेशनल हाईवे पर गांव खुराना के पास धरना लगाकर कार्यकर्ताओं ने आवाजाही ठप करने का काम किया।
बेरोजगार अध्यापक मुख्यमंत्री आवास की ओर श्याम साढ़े तीन बजे बढने लगे थे। उस दौरान पुलिस ने बैरिकेड्स लगाकर उन्हें रोड पर ही रोक लिया। पुलिस और बेरोजगारों के बीच इस दौरान जमकर हंगामा हुआ और धक्कामु्क्की भी हुई। पुलिस की तरफ से अध्यापकों के ऊपर पानी की बौछार भी की, लेकिन उन्होंने अपना प्रदर्शन बिल्कुल भी नहीं रोका बिल्कुल अपनी आवाज को और भी ज्यादा बुलंद किया। पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे अध्यापकों को 150 मीटर की दूर तक लाठीचार्ज करके खदेड़ने का काम किया। इस हंगामे में घायल हुए शिक्षकों को एंबुलेंस की मदद से हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया।
ईटीटी काडर की 5994 और 2364 बेरोजगार यूनियन के लीडर हरजीत सिहं बुढलाड़ा,बलिहार सिंह, मनप्रीत मानसा, रमेश अबोहर, हरीश कंबोज, बंटी कंबोज ने इस मामले को लेकर बताया कि ईटीटी 2364 भर्ती से जुड़े प्रोवीजन सिलेक्शन लिस्ट शिक्षा विभाग की तरफ से 25 जुलाई को और 5994 भर्ती की सूचियां 1 सितंबर को जारी कर दी गई थी, लेकिन उनकी ज्वाइनिंग शिक्षा विभाग की तरफ से नहीं करवाई गई है। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने 5994 भर्ती पर किसी भी तरह की रोक नहीं लगाई, इसके बावजूद शिक्षा विभाग की तरफ से ज्वाइनिंग नहीं करवाई जा रही है। बल्कि बहाने लगाए जा रहे हैं।
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