राजस्थान में 126 करोड़ का घोटाला, सरकारी नौकरी देने वाली अशोक गहलोत सरकार की योजना पर ताला

राजस्थान में गहलोत सरकार द्वारा खेलों के माध्यम से सरकारी नौकरी देने वाली योजना को करोड़ों रुपए का घोटाला बताकर बंद कर दिया गया है। इसी के साथ जो योजनाएं गहलोत सरकार में शुरू हुई है। उसमें करोड़ों रुपए के घोटाले का आरोप है।

subodh kumar | Published : Jan 30, 2024 8:32 AM IST

जयपुर. राजस्थान में नई सरकार बनने के बाद से पुरानी सरकार की योजनाओं पर एक के बाद एक ताला लग रहा है। ऐसे में गहलोत सरकार की एक और योजना बंद होने जा रही है। जिससे युवाओं का भविष्य अंधकार में पड़ रहा है। आईये जानते हैं क्या है ये योजना।

गैर जरूरी बताकर बंद की जा रही योजनाएं

जयपुर में इन दिनों विधानसभा का सत्र जारी है। यह नए मुख्यमंत्री भजनलाल सरकार का पहला ही सत्र है और इस सत्र में पुरानी सरकार यानी अशोक गहलोत की कांग्रेस सरकार के द्वारा बनाई गई कई योजनाओं को गैर जरूरी बताकर ताला लगाया जा रहा है। इन्हीं योजनाओं में से एक है खेलकूद से संबंधित योजना। जिसमें पूरे राजस्थान के लाखों युवाओं ने हिस्सा लिया था।‌ उसके आधार पर सरकारी नौकरियां देने की बातें भी चली थी, लेकिन आज इस योजना पर भी ताला लगा दिया गया है। राजस्थान विधानसभा में खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने बड़ा बयान दिया है।

126 करोड़ का घोटाला

विधानसभा में खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि राजस्थान के युवाओं के साथ गहलोत सरकार ने छल किया है। राजीव गांधी ओलंपिक के नाम पर सरकार ने सरकारी पैसा पानी की तरह बहाया है। सिर्फ 126 करोड रुपए में तो टी-शर्ट ही खरीदी गई है, यह बड़ा घोटाला है। इसकी जांच होगी।

खेलोंं के आधार पर सरकारी नौकरी

राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि युवाओं को यह कहा गया कि उन्हें इन खेलों के आधार पर सरकारी नौकरी में प्राथमिकता दी जाएगी, लेकिन यह योजना गहलोत सरकार के साथ ही चली गई है। उन्होंने कहा कि नियमानुसार सरकारी नौकरी पाने के लिए जो भी दस्तावेज जरूरी होते हैं, वह लगेंगे। राजीव गांधी खेलकूद से संबंधित कोई भी दस्तावेज सरकारी नौकरी के लिए मान्य नहीं होगा ।

गहलोत सरकार की योजनाओं की होगी समीक्षा

उल्लेखनीय है कि सरकार बनने के बाद पिछले दिनों विधानसभा सत्र शुरू हुआ था। इसमें भजनलाल मुख्यमंत्री ने कहा था कि गहलोत सरकार द्वारा पिछले 6 महीने में जितने भी योजनाएं और स्कीम लाई गई है, भाजपा सरकार उनकी समीक्षा करेगी । अगर वह बेहद जरूरी होगी तो ही उन्हें फॉलो किया जाएगा। नहीं तो उनमें परिवर्तन किया जाएगा। गैर जरूरी होने पर उन्हें बंद कर दिया जाएगा।

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