
panchkula family suicide case : हरियाणा के पंचकूला में एक ही परिवार के सात लोगों ने सुसाइड कर लिया। परिवार पर कर्ज का बोझ था, इस कारण सभी ने जान दे दी। इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। हांलाकि ये पहला केस नहीं है जब पूरे के पूरे परिवार ने जान दी है, इससे पहले राजस्थान के कई शहरों में भी इसी तरह के सुसाइड के मामले सामने आए हैं। इनमें सबसे बड़ी वजह कर्ज और आर्थिक तंगी ही सामने आती है। दूसरा विवाद है गृह क्लेश।
चार साल पहले उदयपुर जिले के गोगुन्दा तहसील स्थित झाड़ोली गांव में एक ही परिवार के छह सदस्यों की मौत से सनसनी फैल गई। इसमें पिता, मां और उनके चार मासूम बच्चे शामिल थे। प्रारंभिक जांच में पुलिस को संदेह है कि पिता ने पत्नी और बच्चों की हत्या के बाद खुद फांसी लगाकर आत्महत्या की। इसके पीछे कारण आर्थिक तंगी था। परिवार कर्ज में था और बच्चों को पालने तक के पैसे नहीं थे।
इसी तरह चार साल पहले जयपुर के बुनकर कॉलोनी में एक सब्जी विक्रेता गिर्राज राणा ने कर्ज से परेशान होकर पत्नी और दो बच्चों की हत्या के बाद आत्महत्या कर ली। मौके से एक सुसाइड नोट भी मिला, जिसमें कर्ज और मानसिक तनाव का जिक्र किया गया था।
ऐसा ही केस पांच साल पहले जयपुर के कानोता क्षेत्र से भी सामने आया। ज्वेलर परिवार ने सामूहिक आत्महत्या कर ली। यशवंत सोनी, उनकी पत्नी और दो बेटों के शव फंदे से लटके मिले। पुलिस जांच में सामने आया कि परिवार पर भारी कर्ज था और ब्याज माफिया उन्हें प्रताड़ित कर रहे थे। कुछ समय पहले यशवंत ने आत्महत्या की कोशिश भी की थी।
इन घटनाओं में एक समान बात यह है कि सभी पीड़ित परिवार आर्थिक तंगी, कर्ज के बोझ और पारिवारिक तनाव से जूझ रहे थे। सामाजिक विशेषज्ञों का मानना है कि मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान न देने और समय पर काउंसलिंग की सुविधा न मिलने के कारण लोग ऐसे आत्मघाती कदम उठाते हैं।
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