क्या है अरावली ग्रीन वॉल? 1400 KM लंबी और 5 किमी चौड़ी होगी, 4 राज्य के 29 शहरों को जोड़ेगी

Published : Jul 01, 2025, 05:31 PM ISTUpdated : Jul 01, 2025, 05:34 PM IST
 What is Aravali Green Wall

सार

What is Aravali Green Wall : अरावली पर्वतमाला को बचाने के लिए केंद्र सरकार ने 1400 किलोमीटर लंबी और 5 किलोमीटर चौड़ी "अरावली ग्रीन वॉल" परियोजना को हरी झंडी दे दी है।जो तीन राज्यों के 29 शहरों में बनेगी

What is Aravali Green Wall : भारत की सबसे प्राचीन पर्वतमालाओं में से एक अरावली को अब नए जीवन की उम्मीद मिली है। केंद्र सरकार ने अरावली पर्वतमाला के संरक्षण के लिए 1400 किलोमीटर लंबी और 5 किलोमीटर चौड़ी "अरावली ग्रीन वॉल" परियोजना को हरी झंडी दे दी है। यह महत्वाकांक्षी योजना दिल्ली से लेकर गुजरात के पोरबंदर तक फैलेगी और इसका उद्देश्य जैव विविधता को संरक्षित करना, भूमि क्षरण को रोकना और जलवायु संकट से निपटना है।

राजस्थान, हरियाणा, गुजरात और दिल्ली से होकर गुजरेगी ये दीवार

राजस्थान के 19 जिले होंगे शामिल परियोजना के पहले चरण में राजस्थान, हरियाणा, गुजरात और दिल्ली के कुल 29 जिलों को चुना गया है। राजस्थान से चित्तौड़गढ़, उदयपुर, सिरोही, पाली, अलवर, झुंझुनूं, सीकर सहित 19 जिले शामिल हैं। इन क्षेत्रों में पौधारोपण, चेक डेम निर्माण, मेडिसिनल प्लांट्स रोपण और पर्यावरणीय पुनर्स्थापन जैसे कार्य किए जाएंगे।

16,053 करोड़ का बजट और रोजगार की संभावना परियोजना के लिए केंद्र सरकार ने पहले चरण में 16,053 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं। इससे न केवल अरावली क्षेत्र की पारिस्थितिकी को बेहतर बनाया जाएगा, बल्कि ग्रामीण इलाकों में रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। खासतौर पर जलाशयों की मरम्मत, नर्सरी संचालन और पौधारोपण से स्थानीय लोगों को काम मिलेगा।

क्यों जरूरी है यह परियोजना? 

बीते दो दशकों में अरावली के जंगलों और पहाड़ियों पर खनन, शहरीकरण और अवैध अतिक्रमण की वजह से भारी क्षरण हुआ है। सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में चेतावनी दी थी कि अरावली से 31 पहाड़ गायब हो चुके हैं। यह क्षेत्र न केवल दिल्ली-एनसीआर की हवा को शुद्ध करता है बल्कि राजस्थान और हरियाणा की कई नदियों की जलधारा भी इससे जुड़ी है।

उम्मीद की नई दीवार 

अरावली ग्रीन वॉल न केवल पर्यावरणीय संकट को टालने का प्रयास है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को एक हरित विरासत सौंपने की दिशा में एक निर्णायक कदम है। यदि यह परियोजना सफल होती है तो यह देशभर के डिग्रेडेड इकोसिस्टम के लिए एक मॉडल बन सकती है।

PREV

राजस्थान की राजनीति, बजट निर्णयों, पर्यटन, शिक्षा-रोजगार और मौसम से जुड़ी सबसे जरूरी खबरें पढ़ें। जयपुर से लेकर जोधपुर और उदयपुर तक की ज़मीनी रिपोर्ट्स और ताज़ा अपडेट्स पाने के लिए Rajasthan News in Hindi सेक्शन फॉलो करें — तेज़ और विश्वसनीय राज्य समाचार सिर्फ Asianet News Hindi पर।

Read more Articles on

Recommended Stories

जयपुर-बीकानेर हाईवे पर बड़ा हादसा: बस और ट्रक की जोरदार टक्कर, 3 की मौत, 28 घायल
वायरल वीडियो का कमाल-मिल गया 15 साल से लापता 'लाल', पूर्व सैनिक की इमोशनल कहानी