राजस्थान की नई सरकार में किंग मेकर की भूमिका में रहेंगे ये बीस नेता, दोनों दलों की इन पर पैनी नजर

राजस्थान चुनाव के परिणाम रविवार को आने वाले हैं। ऐसे में यदि भाजपा और कांग्रेस बहुमत में नहीं रहती है तो ये बीस नेता किंग मेकर की भूमिका में होंगे। ऐसे में दोनों ही दलों की निगाह इन बीस नेताों को साधने पर भी है।  

Yatish Srivastava | Published : Dec 2, 2023 12:29 PM IST

जयपुर। राजस्थान में सरकार किसकी बनेगी इस पर से पर्दा जल्द ही उठने वाला है। बस रविवार दोपहर बाद रुझान शुरू और फिर शाम तक सरकार बनने की तैयारी होने लगेगी। इस बार सरकार बनाने में वे नेता किंग मेकर की भूमिका में हो सकते हैं जिनको या तो पार्टी से निकाल दिया गया हो या जिन्होंने खुद ही पार्टी छोड़ दी हो। कुछ ऐसे भी बागी नेता हैं जो तीसरे मोर्च से चुनाव लड़ रहे हैं लेकिन जीतने की संभावना रूलिंग पार्टियों से ज्यादा है। ऐसे में राजस्थान चुनाव परिणाम के बाद सरकार बनाने के दौरान इन नेताओं को जरूर याद किया जाएगा। ऐसे किंग मेकर साबित होने वाले प्रत्याशियों की संख्या करीब 20 है।

छाबड़ा, चित्तौड़गढ़, वल्लभनगर और शिव सीट पर बागी दमदार
छबड़ा सीट से कांग्रेस के बागी नरेश मीणा समीकरण बिगाड़ने का माद्दा रखते हैं। इसी तरह दूसरा नाम चित्‍तौड़गढ़ सीट से भाजपा के बागी नेता चंद्रभान सिंह आक्‍या का है। तीसरा नाम है वल्‍लभनगर सीट से जनता सेना उम्‍मीदवार दीपेंद्र कंवर भींडर का है, ये भी समीकरण खराब कर सकते हैं। चौथ नाम है शिव सीट से निर्दलीय रविंद्र सिंह भाटी का है। वे तो अपनी जीत को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त हैं। 

कई सीटों पर भारी पड़ रहे निर्दलीय
पांचवा नाम नोखा सीट से निर्दलीय कन्‍हैया लाल झंवर का है। छठां नाम है डीडवाना सीट से भाजपा के बागी यूनुस खान का, जो वसुंधरा राजे के सबसे करीबी नेता माने जाते रहे हैं। सातवां नाम है सवाई माधोपुर सीट से भाजपा की बागी आशा मीणा का, उनके लिए तो किरोड़ी लाल खुद कह चुके हैं कि वे उनसे माफी मांगते हैं, बस वे बैठ जाएं। एक अन्य नाम है जयपुर की झोटवाड़ा सीट से भाजपा के बागी आशु सिंह सुरपुरा का, पिछले चुनाव में आशू सिंह ने दोनों पार्टियों की नींद उड़ा दी थी।

बहुमत के जोड़तोड़ करना पड़ा तो निर्दलीयों को साधना होगा
फिर एक नाम और है वह है बानसूर सीट से भाजपा के बागी रोहिताश्‍व शर्मा का। इसी तरह बूंदी सीट से बागी रूपेश शर्मा, लूणकरणसर सीट से कांग्रेस के बागी वीरेंद्र बेनीवाल, पुष्‍कर सीट से कांग्रेस के बागी गोपाल बाहेती, विराट नगर सीट से कांगेस के बागी रामचंद्र सराधना ऐसे नाम हैं जो कांग्रेस और बीजेपी को परेशान कर सकते हैं।

इसी तरह से किशनगढ़ से निर्दलीय सुरेश टांक भी बड़ा नाम है। वहीं भीलवाड़ा सीट भाजपा के बागी अशोक कोठारी, मसूदा सीट से कांग्रेस के बागी वाजिद चीता, बाड़मेर सीट से निर्दलीय प्रियंका चौधरी, झुंझूनूं सीट से भाजपा के बागी राजेंद्र भांभू और नागौर सीट से कांग्रेस के बागी हबीबुर्रहमान भी जीतने वाली पार्टी के समीकरण बिगाड़ने का माद्दा रखते हैं।

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