Ashok Gehlot Birthday: यूं ही नहीं कहा जाता इन्हें जादूगर, चुनाव लड़ने के लिए बेच दी मोटरसाइकिल, देखिए तस्वीरें
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आज 3 मई को अपने जीवन के 72 साल पूरे कर चुके हैं। 3 मई 1951 को जन्मे अशोक गहलोत ने करीब 45 साल राजनीति की है। फिर वह बात चाहे छात्र राजनीति की हो या फिर विधानसभा की। सीएम अशोक गहलोत को जादूगर नाम से भी जाना जाता है।
Arvind Raghuwanshi | Published : May 3, 2023 10:14 AM IST / Updated: May 03 2023, 03:45 PM IST
आपको बता दें कि सीएम अशोक गहलोत ने करीब 25 साल की उम्र में सक्रिय राजनीति शुरू कर दी थी। हालांकि इससे पहले 4 साल उन्होंने एक कार्यकर्ता के तौर पर काम किया लेकिन 25 साल की उम्र में वह ओहदे के साथ राजनीति में प्रवेश कर गए। तब से लेकर आज का दिन है सीएम अशोक गहलोत लगातार राजनीति में नई तरह की याद छू रहे हैं कई संकट आने के बाद भी सीएम गहलोत के फैसलों पर ही राजस्थान में उनकी सरकार बनी हुई है
सीएम अशोक गहलोत ने पहली बार कॉलेज में कांग्रेस के ही छात्र संगठन एनएसयूआई में अपना राजनीतिक कैरियर की शुरूआत किया। 1971 में हुए भारत और बांग्लादेश के युद्ध के दौरान एक शरणार्थी कैंप में सीएम अशोक गहलोत इंदिरा गांधी से भी मिले और कई बातचीत भी की। इंदिरा गांधी को भी सीएम अशोक गहलोत के विचार और काम इतना पसंद आया कि उन्होंने भी सीएम अशोक गहलोत के काम की सराहना की।
शीर्ष नेताओं को वह कितने पसंद आए कि 1973 से 1979 तक सीएम अशोक गहलोत एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष रहे। यह वह दौर रहा जब प्रदेश की कॉलेजों में छात्रसंघ चुनाव के दौरान केवल और केवल एनएसयूआई का ही बोलबाला रहता था। युवाओं में पकड़ मजबूत होने के साथ ही सीएम अशोक गहलोत को पार्टी आलाकमान ने कांग्रेस में जिम्मेदारी देने की सोची।
साल 1982 में उन्हें प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश महासचिव का पद मिला। सीएम गहलोत ने इस जिम्मेदारी को भी बखूबी तरीके से निभाया। इसके बाद अब बारी थी सीएम अशोक गहलोत के चुनाव लड़ने की। हालांकि बेहद कम लोग यह जानते हैं कि सीएम गहलोत ने अपना पहला चुनाव केवल 26 साल की उम्र में ही जोधपुर की सरदारपुरा सीट से लड़ा था हालांकि उस दौरान उनका कोई बड़े नेताओं से रिलेशन नहीं था ऐसे में उन्होंने अपने स्तर पर ही चुनाव लड़ने की ठान ली फिर क्या था अपने साथियों के साथ मिलकर उन्होंने चुनाव के लिए अपनी मोटरसाइकिल को 4 हजार रुपए में बेच दिया था। गहलोत करीब 4000 वोटों से यह चुनाव हार गए थे।
उनके इस विजय रथ को देख पार्टी ने उन्हें प्रदेश कांग्रेस कमेटी की कमान भी सौंपी और उसके बाद ही सीएम अशोक गहलोत मुख्यमंत्री पद के दावेदार हो गए। अब तक सीएम अशोक गहलोत तीन बार मुख्यमंत्री बने हैं। यह उनका तीसरा कार्यकाल है। वही बात राजीव गांधी या सोनिया गांधी की की जाए सीएम गहलोत दोनों के करीबी माने जाते थे इसी का नतीजा है कि आज भी राहुल गांधी सोनिया गांधी सहित कांग्रेस पार्टी का पूरा आलाकमान सीएम अशोक गहलोत का अन्य नेताओं से ज्यादा सम्मान करता है।
उनकी शीर्ष नेता संजय गांधी से अच्छी दोस्ती हो गई। उन्हें पार्टी में लोकसभा सीट का टिकट दिया। लेकिन सीएम अशोक गहलोत के पास उस समय इतने पैसे भी नहीं थे कि चुनाव लड़े। ऐसे में अपने दोस्त की बाइक लेकर उससे चुनाव प्रचार किया और अपने दोस्त की सैलून शॉप ही कार्यालय बना लिया।
नतीजा निकला कि सीएम गहलोत ने इस चुनाव में करीब 52 हजार वोटों से जीत हासिल कर ली। इसके बाद सीएम अशोक गहलोत जोधपुर से 5 बार सांसद रहे।