सोशल मीडिया पर एक वीडियो जमकर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में गांव वालों और स्कूल की महिला टीचर के बीच माता सरस्वती की तस्वीर लगाने की बात पर बहस चल रही है। आईये जानते हैं क्या है मामला।
बारां. राजस्थान के बारां जिले का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में साफ नजर आ रहा है कि ये वीडियो गणतंत्र दिवस के अवसर पर नजर आ रहा है। जिसमें महिला टीचर और गांव वालोंं के बीच माता सरस्वती की तस्वीर लगाने की बात पर बहस चल रही है।
ये था मामला
स्कूल में गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम में महापुरुषों की तस्वीर लगी थी। लेकिन माता सरस्वती की तस्वीर नहीं थी। इस कारण ग्रामीण बोल रहे थे कि माता सरस्वती बच्चों की देवी है। उनकी तस्वीर लगाकर पूजा अर्चना की जाए। जबकि टीचर का कहना था कि सरस्वती देवी का बच्चों की शिक्षा में क्या योगदान है। उन्होंने माता सरस्वती की तस्वीर लगाने से साफ मना कर दिया। जिस पर काफी देर तक बहस चलती रही।
बारां जिले का मामला
दरअसल बारां जिला के किशनगंज तहसील के लकड़ाई गांव में स्थित सरकारी स्कूल का यह पूरा मामला है। शिक्षिका का नाम हेमलता बताया जा रहा है। स्कूल में गणतंत्र दिवस को लेकर कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस दौरान तीन कुर्सियों पर महात्मा गांधी, भीमराव अंबेडकर और सावित्रीबाई फुले की फोटो लगाई गई। इस दौरान कुछ ग्रामीण वहां पहुंचे और उन्होंने कहा कि माता सरस्वती बच्चों की देवी है उनकी फोटो लगाना जरूरी है, उनके साथ उनकी फोटो भी लगाइए और दीपक भी जलाइए । लेकिन टीचर हेमलता ने ऐसा करने से साफ इनकार कर दिया।
बच्चों की माता सावित्रीबाई फूले हैं
महिला टीचर का कहना था कि माता सरस्वती ने बच्चों के लिए क्या किया है, बच्चों की माता सरस्वती नहीं सावित्रीबाई फूले है । उनकी फोटो लगा दी है। अब किसी की फोटो नहीं लगेगी, ना ही कोई दीपक जलेगा।
ग्रामीण बोले हिंदू धर्म का विरोध
ग्रामीणों ने कहा यह हिंदू धर्म का विरोध है, तो टीचर ने कहा हिंदू धर्म क्या होता है। मैं किसी धर्म को नहीं मानती। यहां पर यही तीन फोटो लगेगीं। उसके बाद यह विवाद बढ़ता चला गया और बढ़ता हुआ यह विवाद जिला शिक्षा अधिकारी तक पहुंच गया। जिला शिक्षा अधिकारी पीयूष शर्मा का कहना है कि मामला संज्ञान में आया है। वीडियो भी देखा गया है। इसकी जांच की जा रही है। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।