
भरतपुर. राजस्थान के भरतपुर जिले से बड़ी खबर सामने आ रही है । 22 महीने के बच्चे की उसके माता-पिता के सामने ही तड़प तड़प कर मौत हो गई है । परिवार सदमे में है। उत्तर प्रदेश का परिवार बच्चे को बचाने के लिए राजस्थान लाया था , लेकिन यहां डॉक्टरों की लापरवाही ने बच्चे को लाश बना दिया।
भरतपुर के प्राइवेट अस्पताल में मौत का इंजेक्शन
भरतपुर जिले की मथुरा गेट थाना पुलिस ने बताया कि मथुरा में रहने वाले अजीत सिंह अपने छोटे भाई के 22 महीने के बच्चे को इलाज के लिए लाए थे। जिसका एक प्राइवेट अस्पताल में इलाज चल रहा था। बच्चों को हर्निया की समस्या थी। उसका प्राइवेट पार्ट हर कुछ दिनों में भारी हो जाता था , उसका ऑपरेशन किया जाना था और ऑपरेशन से पहले उसे बेहोशी का इंजेक्शन दिया जाना था। लेकिन अस्पताल प्रशासन ने लापरवाही के चलते बच्चे को बेहोशी का ओवरडोज दे दिया। जिससे बच्चे का ब्रेन डेड हो गया और उसकी मौत हो गई ।
'हम बच्चे को बचाने आए थे लेकिन उसकी लाश लेकर जा रहे'
बच्चे को गंभीर बीमार बताकर उसे राजधानी जयपुर के लिए रेफर कर दिया गया। लेकिन जयपुर में आने पर पता चला बच्चा काफी समय पहले मर चुका है। अब परिवार के लोगों ने भरतपुर जिले के मथुरा गेट थाने में अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है । परिवार का कहना है, हम बच्चे को बचाने के लिए लाए थे। लेकिन अब उसकी लाश लेकर जा रहे हैं । परिवार गहरे सदमे में है।
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