
जयपुर. Rajasthan News : राजस्थान सरकार ने सामूहिक विवाह योजना में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के लिए नियमों में अहम बदलाव किया है। अब सामूहिक विवाह सम्मेलन में शादी करने वाले जोड़ों को सरकारी अनुदान तभी मिलेगा, जब आयोजक संस्था विवाह के 60 दिन के भीतर पंजीयन प्रमाण पत्र जमा करवाएगी।
महिला अधिकारिता विभाग की ओर से जारी नई गाइडलाइन के अनुसार, अनुदान की पूरी राशि अब एकमुश्त दी जाएगी। इसमें वधू को 21 हजार और आयोजक संस्था को 4 हजार रुपये मिलेंगे। पहले यह राशि दो चरणों में दी जाती थी—पहली किश्त विवाह के बाद और शेष विवाह पंजीयन के बाद।
सरकारी योजना का लाभ लेने के लिए आयोजक संस्थाओं को अब आयोजन से कम से कम 15 दिन पूर्व ऑनलाइन आवेदन करना अनिवार्य होगा। इसके लिए SSO ID के माध्यम से संस्था पंजीयन प्रमाण पत्र, वर-वधू के आयु और निवास प्रमाण पत्र, पहचान पत्र तथा बैंक खाता जानकारी जैसे दस्तावेज अपलोड करने होंगे।
हर संस्था एक आयोजन में कम से कम 10 और अधिकतम 500 जोड़ों का विवाह करवा सकती है। यह पहल राज्य सरकार की ‘मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना’ के अंतर्गत आती है, जिसका उद्देश्य सामाजिक समरसता को बढ़ावा देना और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की मदद करना है। महिला अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक मनोज मीणा ने स्पष्ट किया कि पंजीयन प्रमाण पत्र के बिना अब कोई भी संस्था अनुदान की पात्र नहीं होगी।
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