
chittorgarh shocking crime : राजस्थान के चित्तौड़गढ़ से एक अत्यंत हृदयविदारक घटना सामने आई है, जहाँ एक नाबालिग बालिका को उसके सौतेले पिता, पिता के मित्र और चार अन्य युवकों ने अलग-अलग शहरों में अपनी हवस का शिकार बनाया। इस पीड़ित बच्ची को बूंदी पुलिस की कालिका पेट्रोलिंग यूनिट ने शहर के एक पार्क से बरामद किया। यह भयावह खुलासा पुलिस द्वारा पीड़िता को बाल कल्याण समिति (CWC) अध्यक्ष के समक्ष पेश किए जाने के बाद हुआ। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ASP) उमा शर्मा के निर्देश पर महिला थाना पुलिस ने तत्काल 'जीरो FIR' दर्ज कर नाबालिग का मेडिकल परीक्षण करवाया है। इस मामले में सौतेले पिता, उसके मित्र और चार अन्य आरोपियों के खिलाफ POCSO एक्ट सहित विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर संबंधित थानों को आगे की कार्रवाई के लिए भेज दिया गया है।
बाल कल्याण समिति अध्यक्ष सीमा पोद्दार ने बताया कि बूंदी कोतवाली थाना पुलिस को चित्तौड़गढ़ की यह गुमशुदा बच्ची रेलवे स्टेशन पर भटकती हुई मिली थी। उसे तुरंत बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया। पुलिस के अनुसार, बच्ची ने बताया कि वह दिल्ली और मुंबई घूमने के बाद लौटते समय गलती से बूंदी आ गई थी और उसने रात रेलवे स्टेशन पर बिताई। अगले दिन, 'कालिका यूनिट' की टीम को वह शहर के एक पार्क में एक लड़के के साथ बैठी मिली। पोद्दार ने बच्ची के माता-पिता से फोन पर संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उनका रवैया चौंकाने वाला रहा। उन्होंने बताया कि बच्ची अक्सर घर से चली जाती है।
सौतेले पिता से शुरू हुआ दुर्व्यवहार, कई शहरों तक फैली हैवानियत बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष सीमा पोद्दार के सामने काउंसलिंग के दौरान बच्ची ने जो आपबीती सुनाई, वह बेहद दर्दनाक थी। उसने बताया कि जब वह सात साल की थी, तब उसकी माँ ने दूसरी शादी कर ली। वह अपने चार भाई-बहनों के साथ सौतेले पिता के घर आ गई। बच्ची का आरोप है कि सौतेले पिता ने उस पर बुरी नज़र रखनी शुरू कर दी और उसके साथ छेड़छाड़ की। एक दिन उसके साथ दुष्कर्म किया गया। जब उसने अपनी माँ को यह बात बताई, तो माँ ने कोई ध्यान नहीं दिया, बल्कि उसे ही चुप रहने को कहा।
पोद्दार ने बताया कि बच्ची ने यह भी खुलासा किया कि उसके सौतेले पिता और उसके एक दोस्त ने भी उसके साथ दुष्कर्म किया। इसके अलावा, चार अन्य लड़कों ने जोधपुर, उदयपुर, दिल्ली और चित्तौड़ जैसे विभिन्न शहरों में भी उसे अपनी हवस का शिकार बनाया। इन आरोपियों में से दो बिहार, एक बाड़मेर और तीन चित्तौड़गढ़ के रहने वाले बताए जा रहे हैं।
बच्ची के हस्तलिखित बयान को अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के समक्ष प्रस्तुत किया गया, जिन्होंने तुरंत महिला थाने को FIR दर्ज करने का आदेश दिया। महिला थाना प्रभारी यशोराज मीणा ने पुष्टि की है कि मामले में 'जीरो FIR' दर्ज कर ली गई है और संबंधित थानों को आगे की जांच के लिए भेज दी गई है।
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