
राजस्थान की लूणी नदी। राजस्थान में इस बार मानसून पूरी तरह से मेहरबान है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि राज्य में अब तक करीब 32 फीसदी से ज्यादा बारिश हो चुकी है। इतना पानी बरसा है कि गंगा कही जाने वाली लूणी नदी लबालब हो गई है। कल से पानी आना शुरू हो गया। धारा भी काफी तेज है। ये पिछले पांच साल से सूखी थी और ग्रेवाल माफिया ने आधी से ज्यादा नदी खोद दी थी। ये अजमेर जिले से निकलकर बहती है, जिसे मरूगंगा कहते हैं, जो एक रेगिस्तानी नदी है और सूखी ही रहती है। लेकिन इस बार पाली, अजमेर और आसपास के जिलों में इतना पानी बरस रहा है नदी करीब तीन से पांच फीट तक बह रही है।
अजमेर से निकलकर जोधपुर होते हुए बाडमेर तक पहुंचने वाली लूणी नदी से लोगों की आस्था जुड़ी हुई है। इसका नजारा कल देखने को मिला, जब दोपहर में अलग-अलग जिलों में पूजा पाठ हो रहे हैं और लोग स्वागत कर रहे हैं। इस मौके पर बाड़मेर से पूर्व सांसद रहे कैलाश चौधरी और अन्य लोगों ने नदी का पूजा पाठ किए। ग्रामीणों का कहना था कि सरकार इस नदी को संरक्षित कर सकती है, लेकिन सरकार ध्यान नहीं देती। बची हुई कसर ग्रेवल माफिया पूरी कर देते हैं, जिन्होंने कई जगहों पर तो तीस से चालीस फीट तक खोद दिया गया है।
भारी बारिश ने राजस्थान की बदली तस्वीर
लूना नदी में बिपरजॉय तूफान के चलते मामूली पानी आया था। लेकिन इस बार भारी बारिश ने हालात ही पूरी तरह से बदल दिए है। बता दें कि राजस्थान के नौ जिलों से होती हुई लूना नदी गुजरात के कच्छ के रण में मिलती है। इस बार राज्य के किसानों को भी काफी फायदा होगा। वो बिना किसी दिक्कत के खेती कर सकते हैं। हालांकि, इस बार हुई मूसलाधार बारिश ने राज्य में कई लोगों की जान भी ले ली।
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