
Rajasthan Jal Jeevan Mission scam : राजस्थान में बहुचर्चित जल जीवन मिशन घोटाले की जांच में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 47.80 करोड़ रुपए की संपत्तियों को अटैच किया है। यह संपत्तियां पूर्व मंत्री डॉ. महेश जोशी, ठेकेदार पदमचंद जैन, महेश मित्तल, संजय बड़ाया, विशाल सक्सेना और उनके परिजनों व उनसे जुड़ी फर्मों की हैं। ये संपत्तियां जयपुर के विभिन्न इलाकों में स्थित हैं।
ईडी ने इस कार्रवाई की जानकारी 14 जून को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X के जरिए साझा की, हालांकि संपत्तियों को 11 जून को ही अटैच कर लिया गया था। ईडी के जयपुर जोनल कार्यालय ने यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत की। एजेंसी के मुताबिक, जल जीवन मिशन के तहत राजस्थान में बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितताएं सामने आई हैं। ईडी ने पाया कि सरकारी योजनाओं के नाम पर फर्जीवाड़ा कर करोड़ों रुपए की अवैध संपत्तियां बनाई गईं। इन्हीं तथ्यों के आधार पर संपत्तियों को अटैच किया गया है।
इस मामले में पूर्व मंत्री महेश जोशी पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं और फिलहाल जेल में हैं। हालांकि, उनकी पत्नी के निधन के बाद उन्हें अस्थायी जमानत मिली थी, लेकिन बाद में वे फिर से जेल भेज दिए गए। उनसे पहले ठेकेदार पदमचंद जैन, महेश मित्तल और अन्य आरोपियों को भी ईडी गिरफ्तार कर चुकी है। ईडी की कार्रवाई इस ओर संकेत करती है कि जल जीवन मिशन घोटाले की परतें धीरे-धीरे खुल रही हैं और इसमें शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जा रही है। माना जा रहा है कि आने वाले समय में और भी खुलासे और अरेस्ट हो सकते हैं।
जल जीवन मिशन जैसा अहम प्रोजेक्ट, जो आम जनता को स्वच्छ जल मुहैया कराने के लिए शुरू हुआ था, भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया। ईडी की यह कार्रवाई जनता में विश्वास बहाल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
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