राजस्थान में मिला रेयर नस्ल का बाहुबली कछुआः सवा सौ साल के इस टर्टल को देखने के लिए लगी लोगों की भीड़

राजस्थान के गंगानगर शहर में हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां एक तालाब की खुदाई में मिला बाहुबली कछुआ मिला है। 200 किलो वजनी यह टर्टल करीब सवा सौ साल की उम्र है। इस कछुए को देखने के लिए लोगों की भीड़ लग रही है। लोग सेल्फी ले रहे है।

Sanjay Chaturvedi | Published : May 20, 2023 2:25 PM IST

गंगानगर (ganganagar news). राजस्थान में इन दिनों गर्मी के कारण हालात बेकाबू होते जा रहे हैं । ग्रामीण इलाकों में तो पीने के पानी की समस्याएं शुरू हो गई है। परेशानी इतनी बढ़ रही है कि ग्रामीण अपने स्तर पर तालाब और बावरियों की सफाई कर रहे हैं, ताकि बारिश के पानी को संजो सके या पानी के नए स्रोतों को तलाश सके। इसी तरह का एक प्रयास गंगानगर जिले के संगरिया इलाके में किया जा रहा था। वहां पर चौटाला गांव है, जो वैसे तो हरियाणा राज्य में आता है लेकिन उसका कुछ हिस्सा गंगानगर के संगरिया क्षेत्र में पड़ता है।

तालाब की खुदाई में मिला दुर्लभ प्रजाति का कछुआ

Latest Videos

इस हिस्से में ग्रामीण जब एक कीचर से भरे हुए तालाब की सफाई कर रहे थे तो वहां पर एक भारी-भरकम कछुआ मिला। जीव विज्ञानियों को बुलाया गया तो उन्होंने जांच पड़ताल की। पता चला कि यह दुर्लभ प्रजाति का कछुआ है और उसकी प्रजाति का नाम एमेड़ा कटलापीजीनिय है। इस प्रजाति के कछुए की उम्र करीब 250 साल तक बताई जाती है। यह जो कछुआ बरामद किया गया है इसकी उम्र करीब 125 साल के आसपास बताई गई है और इसका वजन करीब 200 किलो है।

कछुआ बार बार काट रहा था मछली का जाल

दरअसल कछुए के बारे में तब पता चला जब किसान और उसका परिवार कीचड़ से भरे हुए तालाब की सफाई कर रहे थे। तालाब के एक हिस्से में मछलियां और मृत जलीय जीव पड़े हुए थे, उन्हें मछली पकड़ने वाले जाल की मदद से बाहर निकाला जा रहा था। लेकिन बार-बार जाल कट रहा था, जब तालाब में जाकर चेक किया गया तो पता चला कोई भारी-भरकम कछुआ तालाब में है। जो जाल काट रहा है। बाद में उसे निकाला गया। इस तालाब की मदद से स्थानीय किसान अपने खेतों में पानी देते हैं।

जीव विज्ञानियों ने कहा कि वर्तमान में कछुए को दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया गया है, वहां उसे मछलियां और सब्जियां खाने के लिए दी गई हैं। लेकिन जैसे ही पुराने तालाब को फिर से संरक्षित कर लिया जाएगा कछुए को वहीं छोड़ दिया जाएगा । गांव में रहने वाले बुजुर्ग ग्रामीण लोगों का कहना है कि करीब 60 से 70 साल पहले इन जगहों पर 50 बीघा तक एरिया में पानी ही पानी था। इस पानी में बड़ी संख्या में जलीय जीव रहते थे, इसमें कछुओं की संख्या भी बहुत ज्यादा थी। संभवत है उन्ही में से यह कछुआ संघर्ष करते हुए जीवित बचा है।

जब से लोगों के इस कछुए के बारे में पता चला है तो इसे देखने के लिए लोगों की भीड़ लग रही है , लोग उसके साथ सेल्फी लेने की कोशिश कर रहे हैं और वीडियो बना रहे हैं।

Share this article
click me!

Latest Videos

Supreme Court On Bulldozer Action: SC ने सरकारों को अब ढंग से समझा दिया
Rahul Gandhi LIVE: राहुल गांधी ने सोनीपत में जनता को संबोधित किया | हरियाणा विजय संकल्प यात्रा |
Congress LIVE: अभिषेक सिंघवी और श्री जयराम रमेश द्वारा कांग्रेस पार्टी की ब्रीफिंग।
Kolkata RG Kar Medical Collage Case LIVE: कोलकाता आरजी कर मेडिकल कॉलेज मामले की सुनवाई
Rahul Gandhi LIVE: राहुल गांधी ने सोनीपत में जनता को संबोधित किया | हरियाणा विजय संकल्प यात्रा |