चमत्कार से कम नहीं है इस परिंदे का पैदा होना, ऐसा इतिहास में पहली बार हुआ

जैसलमेर में पहली बार आर्टिफिशियल इनसेमिनेशन से गोडावण का चूजा पैदा हुआ है। यह विलुप्तप्राय प्रजाति के संरक्षण में एक बड़ी उपलब्धि है, जिसके पीछे राजस्थान सरकार और वन विभाग का संयुक्त प्रयास है।

Arvind Raghuwanshi | Published : Oct 22, 2024 12:01 PM IST

जैसलमेर. राजस्थान के जैसलमेर स्थित ग्रेट इंडियन बस्टर्ड प्रजनन केंद्र ने गोडावण, जिसे ग्रेट इंडियन बस्टर्ड के नाम से भी जाना जाता है, की संरक्षण प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर स्थापित किया है। 24 सितंबर को यहां पहली बार आर्टिफिशियल इनसेमिनेशन के जरिए गोडावण का चूजा सफलतापूर्वक पैदा हुआ। यह घटना इस प्रजाति के संरक्षण में एक नई आशा लेकर आई है, जो कि भारत का राज्य पक्षी भी है।

आर्टिफिशियल इनसेमिनेशन की प्रक्रिया

आर्टिफिशियल इनसेमिनेशन एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है, जिसमें नर गोडावण को डमी मादा के साथ बिना मेटिंग के प्रशिक्षित किया जाता है। इसके बाद, नर के शुक्राणु को एकत्रित किया जाता है और उसे एक स्वस्थ मादा गोडावण में इंजेक्ट किया जाता है। अगर यह प्रक्रिया सफल होती है, तो मादा गोडावण स्वस्थ चूजे को जन्म देती है। इसी प्रक्रिया के तहत, जैसलमेर में 'टोनी' नाम की मादा गोडावण ने अंडा दिया, जिससे चूजा निकला।

Latest Videos

राजस्थान सरकार और वन विभाग का संयुक्त प्रयास

इस सफलता के पीछे भारतीय वन्यजीव संस्थान, राजस्थान सरकार और वन विभाग के संयुक्त प्रयास हैं। 2018 में, 'बस्टर्ड रिकवरी प्रोग्राम' की शुरुआत की गई थी, जिसका उद्देश्य इस विलुप्तप्राय प्रजाति की संख्या को बढ़ाना था। पहले चरण में, गोडावण के अंडों को खेतों से एकत्रित करके कृत्रिम तरीके से सेने की प्रक्रिया अपनाई गई। इसके बाद, कैप्टिव ब्रीडिंग के जरिए उनकी संख्या बढ़ाने की कोशिश की गई।

अबू धाबी में ली गई थी ट्रेनिंग

इस प्रोजेक्ट में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सहयोग मिला है। वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के वैज्ञानिकों ने अबू धाबी के इंटरनेशनल फंड होउबारा बस्टर्ड से प्रशिक्षण प्राप्त किया। इसके बाद, जैसलमेर के रामदेवरा प्रजनन केंद्र में सुदा नामक नर गोडावण से शुक्राणु एकत्रित किया गया, जिसे टोनी में इंजेक्ट किया गया। यह पूरी प्रक्रिया एक सफल उदाहरण प्रस्तुत करती है कि किस प्रकार विज्ञान और संरक्षण के प्रयास मिलकर गोडावण की आबादी को बढ़ा सकते हैं।

पूरे भारत के लिए एक गर्व का विषय

ग्रेट इंडियन बस्टर्ड के संरक्षण में यह सफलता न केवल जैसलमेर के लिए, बल्कि पूरे भारत के लिए एक गर्व का विषय है। इससे यह संदेश मिलता है कि यदि संरक्षण के लिए उचित कदम उठाए जाएं, तो विलुप्तप्राय प्रजातियों को बचाया जा सकता है।

Share this article
click me!

Latest Videos

BRICS समिट के लिए रूस रवाना हुए PM Modi, जानें क्यों टिकी कई देशों की निगाहें
रसियन ने जबरदस्त अंदाज में जीता PM मोदी का दिल, गूंजा भारत माता की जय-वंदे मातरम
धनतेरस पर क्यों करते हैं दीपदान? क्या है शुभ मुहूर्त
दिवाली पूजा के बाद लक्ष्मी प्रतिमा का क्या करना चाहिए? । Diwali 2024
PM Modi Russia Visit: गीत और हाथों में तिरंगा, ऐसे हुआ PM Modi का स्वागत #Shorts