टूव्हीलर की चोरों से सेफ्टी एक बड़ी चिंता है। लेकिन Ola S1 इलेक्ट्रिक स्कूटर के मामले में चोरों का सारा प्लान फेल हो गया। इस लड़की ने एक महीने की कोशिश के बाद आखिरकार अपना स्कूटर पुलिस के जरिये बरामद कर ही लिया।
जोधपुर. टूव्हीलर की चोरों से सेफ्टी एक बड़ी चिंता है। आप कैसा भी लॉक लगा लो, चोर उसका तोड़ निकाल ही लेते हैं; लेकिन Ola S1 इलेक्ट्रिक स्कूटर के मामले में चोरों का सारा प्लान फेल हो गया। इस लड़की ने एक महीने की कोशिश के बाद आखिरकार अपना स्कूटर पुलिस के जरिये बरामद कर ही लिया।
इस लड़की का Ola S1 इलेक्ट्रिक स्कूटर चर्चा में बना हुआ है। जोधपुर निवासी अंजलि पाल एक धोखेबाज 'पैकर और मूवर कंपनी' के जाल में फंस गई थीं। वे अपना स्कूटर देहरादून ले जा रही थीं। लेकिन चोर उनके स्कूटर को कहीं और ले जा रहे थे।
जब अंजलि को GPS ट्रैकर के जरिये पता चला कि कुछ तो गड़बड़ है, तब उन्होंने सबसे पहले लोकल पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज कराई। इसके बाद अंजलि ने ट्विटर पर डिटेल्स पोस्ट करके ओला से अपने स्कूटर को ट्रैक करने की रिक्वेस्ट की। इसके अलावा अंजलि ने स्कूटर मैन्युफैक्चरर के सभी ईमेल आईडी पर ईमेल भेजे।
रिक्वेस्ट मिलने पर ओला इलेक्ट्रिक ने स्कूटर की रीयल-टाइम लोकेशन को ट्रैक करना शुरू कर दिया और इसे पुलिस के साथ शेयर करना जारी रखा। नतीजतन, पुलिस विभाग एक महीने बाद स्कूटर का पता लगाने में सफल रही। स्कूटर अब अंजलि को सौंप दिया गया है। स्कूटर वापस मिलने के बाद अंजलि ने ट्विटर पर पुलिस विभाग और ओला इलेक्ट्रिक के लोगों को धन्यवाद दिया।
अंजलि की ओला इलेक्ट्रिक से स्कूटर के GPS लोकेशन प्राप्त करने और उसे पुलिस के साथ शेयर करने की काफी तारीफ हो रही है। चोर Ola S1 इलेक्ट्रिक स्कूटर की टेक्निक समझ नहीं पाए और उन्हें स्कूटर छोड़ना पड़ा।
इस घटना ने GPS के महत्व को क्लियर कर दिया है। ओला इलेक्ट्रिक के सर्वर में रियल-टाइम लोकेशन कोऑर्डिनेट्स को लगातार रजिस्टर्ड करता है। जब यह सब रिकॉर्ड हो रहा था, चोरों को GPS द्वारा की जाने वाली उनकी गतिविधियों के बारे में पता भी नहीं था। विशेष रूप से, ओला एस1 इलेक्ट्रिक स्कूटर के सभी वेरिएंट इस तकनीक से लैस हैं। कई वाहन फैक्ट्री-फिट जीपीएस के साथ आते हैं, क्योंकि यह नेविगेशन, जियो-फेंसिंग और कई अन्य प्रैक्टिस में मदद करता है।