राजस्थान के इस टीचर को सलाम: जिसने बदल दी स्कूल की सूरत, खुद के खर्चे पर बनवा दिया विद्यालय

Teachers Day 2023: आज 5 सितंबर है जिसे देश के पहले पूर्व राष्ट्रपति और एक टीचर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के मौके पर शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। हम राजस्थान के एक ऐसे टीचर की कहानी बता रहे हैं जिसकी तारीफ हर कोई करता है।

Arvind Raghuwanshi | Published : Sep 5, 2023 5:23 AM IST

नागैर (राजस्थान). जुबान पर सरकारी स्कूल का नाम आने पर हम यही सोचते हैं कि कोई एक पुरानी सी बिल्डिंग हो जिसमें बच्चे पढ़ कर रहे हो लेकिन अब धीरे-धीरे राजस्थान में इन सरकारी स्कूलों की सूरत बदलती जा रही है कहीं सरकार तो कहीं टीचर खुद अपने स्कूलों को रिनोवेट करने में लग रहे हैं। कई जगह वह भामाशाहों के सहयोग से रिनोवेशन के काम करवाते हैं तो कई जगह खुद अपने खर्चे पर स्कूल की सूरत बदलने का काम करते हैं।ऐसे ही एक टीचर है मोतीलाल स्वामी जो वर्तमान में सीकर के खाचरियावास की सेठ रामकुमार सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल है। अब तक वह स्कूल के रिनोवेशन में 8 लाख रुपए खर्च कर चुके हैं।

जिस स्कूल में पढ़े अब वहीं हैं प्रिंसिपल..

मोतीलाल बताते हैं कि उन्होंने इसी स्कूल में ही कक्षा 6 से 11वीं तक की पढ़ाई की और इसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए वह बाहर चले गए। लेकिन सरकारी नौकरी की तैयारी करने के बाद 1996 में लेक्चरर बनकर वह है इसी स्कूल में पढ़ने के लिए आ गए। प्रमोशन होने के बाद उन्हें नागौर जाना पड़ा लेकिन जब उनका प्रमोशन प्रिंसिपल के पद पर हो गया तो वह इस स्कूल में आ गए और अब पिछले 7 सालों से अपनी सेवाएं यहीं पर दे रहे हैं।

टीचर की बदौलत उनका स्कूल बना सर्वश्रेष्ठ स्कूल

मोतीलाल बताते हैं कि जब 2016 में वह नागौर से वापस आए उसे दौरान स्कूल में केवल 176 बच्चों का नामांकन था जो अब बढ़कर 600 तक पहुंच चुका है। मोतीलाल ने सबसे पहले तो यहां स्कूल के जर्जर भवन को ठीक करवाया और फिर यहां फर्नीचर सेट, लेक्चर स्टैंड सहित अन्य संसाधन भी उपलब्ध करवाए। मोतीलाल बताते हैं कि स्कूल में पढ़ने के कारण उनका जुड़ाव हमेशा स्कूल से रहा है आज भी यह स्कूल इलाके की इतने सर्वश्रेष्ठ स्कूल है कि यह ब्लॉक स्तर पर सर्वश्रेष्ठ स्कूल चुनी गई है। इतना ही नहीं यहां होने वाली पढ़ाई के चलते 30 किलोमीटर दूर से भी स्टूडेंट यहां पढ़ने आते हैं।

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