हिंदी के लिए इन 2 अफसरों को सलाम: जो किया वह कोई नहीं कर सकता, केंद्र-राज्य सरकार ने दिए दर्जनों पुरुस्कार

Published : Sep 14, 2023, 11:17 AM ISTUpdated : Sep 14, 2023, 11:21 AM IST
hindi diwas 2023

सार

hindi diwas 2023 : 14 सिंतबर यानि हिंदी दिवस। इसे मनाने का मुख्य उद्देशय हिंदी के महत्व को समझना और इसे बढ़ावा देना है। मोबाइल से कम्प्यूटर तक में सारा काम अंग्रेजी में होता है। राजस्थान के दो अफसरों ने ऐसी जुगाड़ निकाली है किअब सब हिंदी में होगा।

सीकर. हिंदी को चार चांद लगाने वाले इन दो सरकारी कर्मचारियों से मिलिए......। एक हैं सुरेन्द्र तेतरवाल और दूसरे हैं सुरेश ओला...। तेतरवाल सेल्स टैक्स अफसर हैं और ओला शिक्षा विभाग में हैड मास्टर हैं। दोनो इतनी जुनूनी हैं कि अंग्रेजी से टक्कर ले डाली और उसे धूल भी चटा दी। डिजिटल युग में मोबाइल से लेकर कम्प्यूटर तक में सारा काम अंग्रेजी में होता है। लेकिन इन दोनो ने हिंदी को बढ़ावा देने और अंग्रेजी नहीं समझने वाले लोगों की राह आसान करने के लिए डिजिटल में हिंदी का तड़का लगा दिया। 

शिक्षा विभूषण पुरुस्कार तक इन दोनों को मिल चुके

दरअसल, सुरेन्द्र और  सुरेश ने मिलकर ढाई सौ हिंदी एप्लीकेशन बना डाली आठ साल के दौरान । अब ये एप्लीकेशन बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक का काम आसान कर रही हैं। इस काम के लिए दोनो को केंद्र से आईटीसी पुरुस्कार, राज्य से शिक्षा विभूषण पुरुस्कार समेत कई इनाम मिल चुके हैं। लेकिन इतने एप बनाने के बाद भी अभी और काम जारी है।

दोनों ने हिंदी के लिए बना डाले 250 से ज्यादा एप

दरअसल, सुरेन्द्र और सुरेश दोनो ही ग्रामीण क्षेत्रों से आते हैं। दोनो को लिखने का शौक था, आसान भाषा में बच्चों के लिए ब्लॉक लिखने लगे। धीरे धीरे उनको पता लगा कि बच्चों खासकर सरकारी स्कूल के बच्चों को हिंदी में पठन सामग्री नहीं मिल पाती। जो सामग्री इंटरनेट पर है वह अंग्रेजी में है। तो दोनो ने मिलकर छोटी कक्षाओं के विषयों को असान करने के लिए ब्लॉग लिखना शुरु किया। उसके बाद बेबसाइट बनाई, फिर एप बनाने के फील्ड मे कदम रखा। ये शुरुआत साल 2015 में की। कोरोनो काल में उन्होनें अपने काम में और तेजी की और देखते ही देखते अब दो सौ पचास से ज्यादा एप बना दिए। इनमें से लगभग सभी पढाई और शिक्षा से जुड़े हैं। इन्हें मोबाइल और कम्प्यूटर पर आसानी से डाउनलोड किया जा सकता है वह भी मुफ्त में।

सरकार तक इनसे लेती है मदद

सुरेश और सुरेन्द्र ने बताया कि सबसे पहले सरकार की सेवा यानि काम....। हम दोनो ने ही काम के अलावा मिलने वाले खाली समय में एप को अपना जूनून बनाया और सफलता मिलती चली गई। ओला ने कहा कि हमने सरकारी शिक्षकों के लिए भी एप बनाया है, यानि लो लोग सरकारी शिक्षक बनना चाहते हैं उनकी तैयारी के लिए। अब पूरा का पूरा सर्वर ही बनाने पर काम कर रहे हैं। हाल ही में करीब सौ से ज्यादा एप राज्य सरकार को भेंट किए हैं। सरकार इनमें से कुछ एप को काम में ले रही है।

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