
जोधपुर. राजस्थान के मरुस्थलीय क्षेत्र में स्थित IIT जोधपुर न केवल शिक्षा के क्षेत्र में आगे है, बल्कि अब यह देश के सबसे हरित और पर्यावरण-संवेदनशील संस्थानों में भी गिना जाने लगा है। संस्थान ने अपने 800 एकड़ में फैले परिसर को नो व्हीकल जोन घोषित कर दिया है, जिसमें अब 5000 से अधिक छात्र, फैकल्टी और स्टाफ केवल साइकिल का उपयोग कर रहे हैं।
इस निर्णय के पीछे एक भावनात्मक और वैज्ञानिक वजह है—कैंपस में रहने वाले 30 से अधिक प्रजातियों के पक्षी, हिरण, चिंकारा, लोमड़ी जैसे वन्यजीवों को रात के समय गाड़ियों की चपेट में आने से बचाना। अब साइकिल के प्रयोग से न केवल ये जीव सुरक्षित हैं, बल्कि कैंपस में एक शांत, प्रदूषण-मुक्त वातावरण भी बना है। IIT जोधपुर का परिसर केवल विशाल नहीं, बल्कि अत्याधुनिक भी है। यहां के अकादमिक भवनों पर 1 मेगावाट क्षमता का रूफटॉप सोलर सिस्टम लगाया गया है, जिससे कार्बन उत्सर्जन में भारी कमी आई है। संस्थान का लक्ष्य है अपने पूरे परिसर को 'नेट जीरो कार्बन' बनाना।
यहां B.Tech, M.Tech, Ph.D जैसे उच्च स्तरीय कोर्स हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में पढ़ाए जा रहे हैं। अत्याधुनिक लैब्स, नवाचार केंद्र और एकेडमिक उत्कृष्टता के साथ-साथ अब पर्यावरण संरक्षण में भी IIT जोधपुर देश के लिए एक उदाहरण बन रहा है.
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