राजस्थान के जालौर जिले में पाकिस्तान सीमा से सटे इलाके में अलग नजारा देखने को मिल रहा है। जहां जगुआर और तेजस 30 करोड़ की सड़क पर कर रहे लैंडिंग की प्रैक्टिस कर रहे हैं। यानि यह विमान सड़कों पर दौड़ रहे हैं।
जोधपुर. इंडियन एयर फोर्स का एक बड़ा दल आधुनिक लड़ाकू विमान के साथ पिछले कुछ दिनों से राजस्थान के जालौर जिले के नजदीक सांचौर कस्बे में डेरा डाले हुए हैं । यहां पर करीब डेढ़ साल की मेहनत के बाद 30 करोड रुपए से स्पेशल सड़क बनवाई गई है। इस सड़क पर अब भारतीय वायु सेवा के आधुनिक विमान टेक ऑफ करने और लैंडिंग की प्रैक्टिस कर रहे हैं। आज पहला सेशन है , लेकिन इस सेशन के दौरान कुछ गड़बड़ी रही , समय रहते उसे काबू जरूर कर लिया गया। लैंडिंग ट्रैक पर अचानक एक सेंड ए पहुंचा उसे काफी मुश्किल से काबू किया गया।
पाकिस्तान की सीमा से सिर्फ 40 किलोमीटर दूर
दरअसल इंडियन एयर फोर्स ने भारत पाकिस्तान की सीमा से करीब 40 किलोमीटर दूर राजस्थान में एक हवाई पट्टी का निर्माण कराया है। इस हवाई पट्टी का निर्माण करने के पीछे जरूर इस युद्ध और अभ्यास के लिए काम में लेने की योजना है। यह इलाका सांचौर - बाड़मेर जिले की बॉर्डर पर बना हुआ है और पाकिस्तान की सीमा से करीब 40 किलोमीटर दूर है । आज सवेरे करीब 10:00 बजे जब यहां पर पहले फाइटर प्लेन तेजस की लैंडिंग हुई , उस समय बड़ी संख्या में यहां लोग मौजूद थे । यहां सड़क पर कुछ दिनों से वाहनों की आवाज आई पूरी तरह से बंद कर दी गई है।
जगुआर और तेजस की 30 करोड़ की सड़क पर लैंडिंग
तेजस के कुछ देर बाद जैगुआर फाइटर प्लेन को भी उतर जाने की तैयारी चल रही है । यहां आने वाले करीब दो दिन तक भारतीय वायु सेवा विमान की लैंडिंग और टेक ऑफ की प्रैक्टिस करेगी । जब भी जैगुआर या तेजस विमान हवा में टेक ऑफ लेते हैं उसे समय भयंकर गर्जना होती है । लोगों का कहना है। यह गर्जन कई किलोमीटर दूर तक सुनाई दे रही है। स्थानीय ग्रामीणों ने इतने बड़े और आधुनिक फाइटर प्लेन को पहली बार देखा है । भारतीय वायु सेवा की बड़ी टुकड़ी और अफसर यहां पर मौजूद हैं।