राजस्थान में कांग्रेस को रिपीट करने में लगे CM गहलोत ने युवाओं को साधने के लिए एक नया मास्टर स्ट्रोक चला है। यह स्कीम आत्मनिर्भर बनने वाले युवाओं को सुनहरा अवसर दे रही है। अपना बिजनेस करने के लिए फंड की चिंता नहीं करना पड़ेगी क्योंकि सरकार देगी लोन।
जयपुर (jaipur news). राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने में महज कुछ ही महीने बचे हुए हैं। प्रदेश सरकार एक के बाद एक बड़ी घोषणाएं कर रही है। इसी बीच युवाओं के लिए राजस्थान में एक सरकार की बेहतरीन स्कीम आई है जिससे युवा आत्मनिर्भर हो सकेगा। उसे खुद का रोजगार स्थापित करने के लिए किसी से उधार लेने की जरूरत नहीं है क्योंकि सरकार ही उससे करोड़ों रुपए का लोन देगी। बशर्ते वह पहले से डिफाल्टर नहीं होना चाहिए।
राजस्थान में उद्यमी को कांग्रेस सरकार देगी लोन
यह लोन भीमराव अंबेडकर राजस्थान दलित आदिवासी उद्यम प्रोत्साहन योजना के तहत दिया जाएगा। युवाओं को इसकी जानकारी देने के लिए 22 जून को कार्यशाला भी होगी। यह लोन लेने के लिए कई बातें ध्यान में रखनी जरूरी है। सबसे पहली तो यह कि आवेदक अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग का हो। इसके अलावा मूल रूप से राजस्थान का रहने वाला हूं जिसकी उम्र 18 साल से ज्यादा हो और वह मानसिक रूप से अस्वस्थ या दिवालिया घोषित नहीं हो। आवेदक करने वाला केंद्रीय या राज्य कर्मचारी के साथ ही राजकीय उपक्रमों में कार्यरत भी नहीं होना चाहिए। इसके अलावा पहले किसी बैंक से डिफाल्टर नहीं होना चाहिए। उसने जो प्रोजेक्ट तैयार किया हो उसमें 51% हिस्सेदारी अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग की होनी चाहिए।
राजस्थान के युवाओं को इन बिजनेस के लिए मिलेगा लोन
लोन लेने के लिए युवाओं को जन आधार कार्ड, प्रोजेक्टरिपोर्ट,जाति एवं मूल निवास प्रमाण पत्र, शैक्षणिक दस्तावेज होना जरूरी है। आवेदक लोन के लिए एसएसओ आईडी के जरिए या फिर डायरेक्ट जिला उद्योग केंद्र में संपर्क कर सकते हैं। हालांकि इस लोन की राशि से कोई भी पशुपालन पक्षी पालन मछली पालन जैसे काम नहीं कर सकता है। इस लोन के तहत कि विनिर्माण उद्योग के लिए 10 करोड रुपए, सेवा उद्योग के लिए 5 करोड़ रुपया और बिजनेस के लिए एक करोड़ रुपए तक की परियोजना लागत के प्रस्ताव सम्मिलित किए गए हैं। लोन की राशि पर 25 लाख रुपए पर 9 प्रतिशत, 25 लाख से 5 करोड़ पर 7 प्रतिशत जबकि 5 से 10 करोड़ की राशि पर करीब 6% तक ब्याज देना होगा। आवेदक को उद्योग एवं सेवा क्षेत्र के लिए 10% और व्यापार क्षेत्र के लिए 15% खुद का अंशदान जमा कराना होगा।
राजनीतिक जानकारों की मानें तो सरकार ने यह घोषणा तो की है लेकिन ऐसी घोषणाएं केवल घोषणा ही रह जाती है क्योंकि युवाओं को लोन लेने में कई बार काफी समय लग जाता है कभी बैंक की गारंटी नहीं लेती तो अभी अन्य कोई दस्तावेजी चक्कर में लोन में देरी हो जाती है या फिर लोन मिल ही नहीं पाता है ऐसे में सरकार केवल और केवल इस घोषणा के जरिए युवा वर्ग को साध रही है।