जयपुर (jaipur news). राजस्थान के लोगों को जल्द ही बड़ी राहत मिलने वाली है। अब राजस्थान में हाईवे पर टोल नाकों पर बड़ी-बड़ी गाड़ियों की लाइनें नहीं देखने को मिलेगी। दरअसल अब राजस्थान में परिवहन विभाग ने गाड़ियों में लगे फास्टैग को बैंक अकाउंट से लिंक करने की तैयारी कर ली है। हालांकि अभी राजस्थान में इसे पूरी तरह से शुरू होने में करीब 1 साल का समय लग सकता है।
देश के कई बड़े में लागू हो चुकी व्यवस्था, अब प्रदेश में होगी शुरू
दरअसल देश के कई बड़े शहरों में टोल नाकों से गुजरने वाले वाहनों का टोल चार्ज करने के लिए यह व्यवस्था लागू की गई है। जिसके तहत टोल नाकों पर एक विशेष तरह का कैमरा और जीपीएस लगाया गया है। जब भी कोई गाड़ियां वहां से गुजरती है तो उन कैमरों के जरिए गाड़ी नंबर कैमरे में रिकॉर्ड होते हैं और उसके आधार पर ही लिंक बैंक अकाउंट से चार्ज कट जाता है। अब राजस्थान में जल्द ही राजधानी जयपुर, जोधपुर और कोटा सहित सभी संभागों में परिवहन विभाग यह व्यवस्था शुरू करने जा रहा है।
गाड़ी मालिकों के बैंक जुड़ेंगे फास्टटैग
इसके तहत सभी गाड़ी मालिकों के बैंक अकाउंट फास्टैग से जोड़े जाएंगे। इससे यह होगा कि जब भी कोई गाड़ी टोल नाके से गुजरेगी तो गाड़ी मालिक को वहां रुकने की जरूरत नहीं होगी जीपीएस और कैमरे की मदद से बैंक अकाउंट से टोल निकल जाएगा। हालांकि जिन फास्टैग से बैंक अकाउंट लिंक नहीं होगे उन गाड़ियों को बैरियर पर रुकना ही होगा। बिना नंबर की गाड़ियों पर भी यही व्यवस्था लागू होगी। इस व्यवस्था को पूरे राजस्थान में लागू होने में करीब 1 साल का समय लग सकता है।
ट्रैवल टाइम बचाने और पॉल्युशन रोकने में होगा मददगार
परिवहन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक टोल नाकों पर होने वाले प्रदूषण और यात्रा में लगने वाले समय को कम करने के लिए यह व्यवस्था शुरू की जा रही है। हालांकि इस योजना को पूरी तरह रूटीन में आने में 2 से ढाई साल का समय लगेगा। इसके अलावा राजस्थान में आगामी 2 महीने बाद जो गाड़ियां खरीदी जाएगी उनमें शोरूम से ही यह व्यवस्था कर दी जाएगी जिससे कि उन्हें अलग से इसके लिए परिवहन विभाग के चक्कर नहीं काटने पड़े।
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