400 साल पुराने इस कृष्ण मंदिर में 1 दिन बाद मनेगी जन्माष्टमी, जानें क्या है कारण

देश भर में जन्माष्टमी 26 अगस्त को मनाई जाएगी, लेकिन भीलवाड़ा का दूधाधारी गोपाल मंदिर 27 अगस्त को यह पर्व मनाएगा। इसके बाद 28 अगस्त को नंद महोत्सव का आयोजन होगा।

Arvind Raghuwanshi | Published : Aug 25, 2024 4:58 AM IST / Updated: Aug 25 2024, 10:29 AM IST

जयपुर. देश के महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव कृष्ण जन्माष्टमी कल सोमवार को है। इस अवसर को लेकर तैयारियां जोर.शोर से शुरू हो चुकी हैं और भगवान श्री कृष्ण का जन्म उत्सव इस बार विशेष भव्यता और दिव्यता के साथ मनाया जाएगा। इस साल भी सुबह की मंगल आरती से लेकर रात्रि के जन्म अभिषेक तक भगवान भक्तों को दर्शन देंगे।

भीलवाड़ा के दूधाधारी गोपाल मंदिर में 27 अगस्त को जन्माष्टमी

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देश भर के मंदिरों में कृष्ण जन्माष्टमी  26 अगस्त को मनाई जाएगी। लेकिन 400 साल से ज्यादा पुराने  भीलवाड़ा दूधाधारी गोपाल मंदिर इस बार एक दिन बादए यानी 27 अगस्त को इस पर्व को धूमधाम से मनाएगा। इसके साथ ही नंद महोत्सव का आयोजन 28 अगस्त को किया जाएगा।

28 अगस्त को नंदोत्सव का आयोजन

मंदिर के पुजारी कल्याणमल शर्मा ने बताया कि धर्मनगरी भीलवाड़ा के लाखों भक्तों की आस्था का प्रमुख केंद्र सांगानेरी गेट स्थित श्री दूदाधारी गोपाल मंदिर में श्री निम्बार्काचार्य पीठाधीश्वर श्री श्यामशरण देवाचार्यजी महाराज के निर्देशानुसार जन्माष्टमी का पर्व 27 अगस्त को मनाया जाएगा। इसके बाद 28 अगस्त को नंदोत्सव का आयोजन होगा।

सातों दिन भगवान कृष्ण की अलग रंग से सजेंगी झांकियां

इस अवसर पर ठाकुरजी की सेवा में झुलनोत्सव का आयोजन भी हो रहा है। जिसमें जन्माष्टमी तक ठाकुरजी के दरबार में विभिन्न रंगों से सजाए गए झांकियां लगाई जाएंगी। सोमवार को सर्द रंग, मंगलवार को लाल, बुधवार को हरा, गुरूवार को पीला,  शुक्रवार को नीला, शनिवार को श्याम, और रविवार को गुलाबी रंग की झांकियां सजाई जाएंगी। छोटी तीज से शुरू होकर 22 दिवसीय झुलनोत्सव जन्माष्टमी के अगले दिन नंदोत्सव तक चलेगा।

भीलवाड़ा का दूधाधारी मंदिर वृंदावन की तर्ज पर बना

पुजारी कल्याणमल शर्मा के अनुसार,  भीलवाड़ा का दूधाधारी मंदिर वृंदावन की तर्ज पर बना हुआ है और यहाँ सभी पूजा.पाठ भी वृंदावन की विधि से किए जाते हैं। 27 अगस्त की मध्य रात्रि को भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा, जिसमें ठाकुरजी की महाआरती की जाएगी और भगवान को माखन मिश्री का भोग अर्पित किया जाएगा। नंदोत्सव पर्व के दौरान मटकी फोड़ और मल्लखंभ का आयोजन भी किया जाएगा,  जिसमें शहर के हजारों भक्त भाग लेंगे।

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