जयपुर जमीन-जायदाद के मामूली विवाद ने रिश्तों को शर्मसार कर दिया। झालावाड़ जिले के मानपुरा पीपाजी का बाग में बड़े भाई विष्णु प्रसाद की जान उसके सगे छोटे भाई महेश ने ले ली। घटना 10 दिसंबर की रात की है, जब महेश ने शराब के नशे में गुस्से में आकर विष्णु के सिर पर लकड़ी से वार कर दिया। गंभीर रूप से घायल विष्णु का इलाज झालावाड़ जिला अस्पताल में चला, जहां ब्रेन डेड होने के बाद परिजनों ने उनके अंगदान का फैसला लिया। विष्णु के अंगदान से कई लोगों को नई जिंदगी मिली है।
विष्णु के पिता हरिया कहार ने थाना कोतवाली में दर्ज रिपोर्ट में बताया कि 10 दिसंबर की रात को घर पर विष्णु, महेश और महेश की पत्नी छोटी बाई मौजूद थे। दोनों भाइयों ने शराब पी रखी थी। रात करीब 9 बजे विष्णु ने महेश से कहा कि उसने अपना कच्चा मकान खाली कर दिया है और अब महेश को भी मकान खाली करना चाहिए। इस बात पर दोनों भाइयों के बीच बहस शुरू हो गई। गुस्से में आए महेश ने विष्णु को गाली-गलौच करते हुए जान से मारने के इरादे से गेंती के बांसे से सिर पर ताबड़तोड़ वार कर दिए। वार इतने गंभीर थे कि विष्णु के सिर से खून बहने लगा और वह बेहोश हो गए।
गंभीर हालत में विष्णु को झालावाड़ जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें बचाने की पूरी कोशिश की, लेकिन 15 दिसंबर को उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया। परिजनों ने भावुक निर्णय लेते हुए विष्णु के अंगदान की सहमति दी। विष्णु का अंगदान कई जरूरतमंद मरीजों के लिए जीवन का वरदान साबित हुआ। घटना की रिपोर्ट के बाद पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर आरोपी महेश को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस पूछताछ में आरोपी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया।
राजस्थान में अंगदान के कई मामले सामने आए हैं लेकिन इस तरह का पहला ही केस सामने आया है कि अंगदान करने वाले व्यक्ति के भाई को उसकी ही हत्या के आरोप में अरेस्ट किया गया है।