
झुंझुनूं. राजस्थान के झुंझुनूं जिले के ढांढर गांव के रहने वाले गौरव सिंह शेखावत ने जेईई मेन्स 2025 (Joint Entrance Examination (Main)2025 में 99.44 पर्सेंटाइल हासिल कर गांव और परिवार का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है। गौरव की यह सफलता सिर्फ उनकी मेहनत की नहीं, बल्कि उनके माता-पिता के त्याग और दूरदर्शिता की भी कहानी है।
कोटा में छात्रों के आत्महत्या जैसे मामलों को देखते हुए उनके पिता विजय सिंह शेखावत ने बेटे को कोटा भेजने के बजाय झुंझुनूं में ही रहकर कोचिंग कराने का निर्णय लिया। उन्होंने खुद बेटे के साथ रहकर उसका हौसला बढ़ाया और हर कदम पर उसका साथ दिया। गौरव का कहना है कि उनके पिता ने हमेशा कहा – "मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता, खुद को कमजोर समझने की जरूरत नहीं है।
गौरव की बहन वर्षा शेखावत ने भी 2024 में NEET परीक्षा पास की थी और अब मेडिकल की पढ़ाई कर रही हैं। विजय सिंह, जो स्वयं संस्कृत के सरकारी शिक्षक हैं, ने ना सिर्फ अपने बच्चों को, बल्कि पत्नी को भी पढ़ाई के लिए प्रेरित किया। शादी के बाद उन्होंने पत्नी को एमए करने और फिर स्कूल लेक्चरर बनने तक पूरा सहयोग दिया, जब समाज इसके खिलाफ था।
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