लिव इन रिलेशनशिप को लेकर कोर्ट का बड़ा फैसला, फीमेल पार्टनर्स को बड़ा झटका

Published : Jan 23, 2025, 02:07 PM IST
Live in relationship

सार

जोधपुर फैमिली कोर्ट ने लिव-इन रिलेशनशिप और लग्जरी लाइफस्टाइल के आधार पर दो महिलाओं के भरण-पोषण के दावे खारिज कर दिए। कोर्ट ने कहा, लिव-इन पार्टनर या खुद की कमाई से गुजारा चल रहा है तो भरण-पोषण नहीं मिलेगा।

जोधपुर (राजस्थान). जोधपुर फैमिली कोर्ट ने भरण पोषण के दो मामलों में ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए दोनों दावों को खारिज कर दिया। एक मामले में पत्नी द्वारा अन्य व्यक्ति के साथ लिव इन रिलेशनशिप में रहने और दूसरे मामले में पत्नी की लग्जरी लाइफस्टाइल को आधार बनाते हुए भरण पोषण के दावों को अमान्य घोषित किया गया।

जानिए क्यों जोधपुर कोर्ट ने सुनाया ऐसा फैसला

लिव इन रिलेशनशिप का मामला पहले मामले में चौपासनी रोड स्थित सुथला की निवासी एक महिला ने घरेलू हिंसा के तहत अपने पति से 30,000 रुपए मासिक भरण पोषण की मांग करते हुए फैमिली कोर्ट में परिवाद दायर किया। महिला ने अपने पति की लाखों रुपए की आय का हवाला दिया। जांच में यह खुलासा हुआ कि महिला किसी अन्य व्यक्ति के साथ लिव इन रिलेशनशिप में रह रही थी और उसका खर्च वही व्यक्ति उठा रहा था। फैमिली कोर्ट के पीठासीन अधिकारी दलपतसिंह राजपुरोहित ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने और साक्ष्यों का अध्ययन करने के बाद महिला का दावा खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि पत्नी के खर्च का जिम्मा लिव इन पार्टनर ने उठाया हुआ है, ऐसे में भरण पोषण का दावा अनुचित है।

दूसरा मामला लग्जरी लाइफस्टाइल का

लग्जरी लाइफस्टाइल का मामला दूसरे मामले में एक महिला ने अपने पति, जो एक कंपनी में डीजीएम पद पर कार्यरत हैं और दो लाख रुपए मासिक कमाते हैं, से भरण पोषण की मांग की। पति के अधिवक्ता गजेंद्र पंवार ने कोर्ट में बताया कि महिला ने घरेलू हिंसा को लेकर कोई शिकायत नहीं की है। इसके अलावा, महिला के बैंक खाते से उसकी लग्जरी जीवनशैली का पता चला।अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट संख्या पांच ने महिला की लग्जरी जीवनशैली को आधार मानते हुए अंतरिम भरण पोषण का दावा खारिज कर दिया।

लिव इन वालों के लिए है यह महत्वपूर्ण कदम

न्यायालय का संदेश इन फैसलों ने यह स्पष्ट कर दिया कि यदि पत्नी किसी अन्य व्यक्ति के साथ लिव इन रिलेशनशिप में है या उसकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ है, तो भरण पोषण का दावा अनुचित होगा। यह निर्णय समाज में पारिवारिक कानूनों के दुरुपयोग को रोकने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

यह भी पढ़ें-8वें वेतन आयोग की जानकारी लेने की न करें जल्दबाजी, वरना खत्म हो जाएगी पूरी कमाई

 

PREV

राजस्थान की राजनीति, बजट निर्णयों, पर्यटन, शिक्षा-रोजगार और मौसम से जुड़ी सबसे जरूरी खबरें पढ़ें। जयपुर से लेकर जोधपुर और उदयपुर तक की ज़मीनी रिपोर्ट्स और ताज़ा अपडेट्स पाने के लिए Rajasthan News in Hindi सेक्शन फॉलो करें — तेज़ और विश्वसनीय राज्य समाचार सिर्फ Asianet News Hindi पर।

Recommended Stories

Jaipur Honor Killing: 25 में पति की मौत, 30 में हुआ प्यार तो ससुराल वालों ने दोनों को जिंदा जलाया
कौन हैं कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय की दुल्हन, जयपुर में कर रहे भव्य शादी