जोधपुर में पुलिस ने साइबर ठगों के बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है। आरोपी ठग फर्जी सिमकार्ड से लोगों को मैसेज के जरिए लिंक भेजते थे। सामने वाला व्यक्ति जैसे ही लिंक पर क्लिक करता था उसके खाते से रुपये गायब हो जाते थे।
जोधपुर। राजस्थान में साइबर क्राइम के मामले भी लगातार बढ़ रहे हैं। साइबर शातिर नए-नए तरीकों से लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। बुधवार को पुलिस ने फर्जी सिमकार्ड के जरिए फोन पर गलत आईडी बताकर ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने आरोपियों से पूछताछ की तो कारनामे सुनकर खुद ही दंग रह गई।
मेवात से दो सदस्यों को गिरफ्तार किया
पुलिस ने अलवर के मेवात इलाके से गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने जब रिकॉर्ड खंगाला तो पता चला कि देशभर के पुलिस स्टेशनों में उनके खिलाफ 1 हजार से ज्यादा शिकायतें दर्ज हैं। इसके अलावा 70 एफआईआर भी दर्ज की जा चुकी हैं।
8 महीने में 310 सिमकार्ड से की वारदातें
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि 8 महीने में 310 अलग-अलग सिम कार्ड का प्रयोग कर उन लोगों ने ठगी की वारदातें की हैं। यह भी बताया कि इनमें से एक पीड़ित जोधपुर की भी था और उसने 14 अगस्त को एयरपोर्ट थाने में शिकायत दी थी। पुलिस ने मामले की जांच शुरू की तो मेवात गैंग का कनेक्शन सामने आया।
पढ़ें शाबाश जोधपुर पुलिस, ठगी के शिकार हैंडीक्राफ्ट व्यवसायी के 11 करोड़ रिकवर, 14 आरोपी गिरफ्तार
परिचित बनकर 94 हजार रुपये खाते से उड़ाए
डीएसपी बताया कि 14 अगस्त को एयरपोर्ट थाना क्षेत्र के रहने वाले सुरेश मीना ने दी गई शिकायत में बताया था कि किसी ने परिचित बन कर बैंक खाते में पैसे ट्रांसफर करने की बात कहकर लिंक भेजा और फिर 94 हजार रुपये खाते से गायब हो गए। इसके बाद उन्हें पता चला कि उसके साथ ठगी हो गई है।
डीएसपी ने बताया कि इस मामले में अजरुद्दीन (24) पुत्र फजरू खां मेव और मनीष कुमार (20) पुत्र रामस्वरूप ओड को मेवात अलवर से गिरफ्तार किया गया है। पुलिस दोनों को मेवात से पकड़कर जोधपुर ले आई है।
लिंक पर क्लिक करते ही गायब हो जाते थे रुपये
आरोपियों ने बताया कि वे सीरीज में से कोई भी फोन नंबर चुन लेते थे और उसपर कॉल करते थे। नाम जानने के बाद वह सीधे कॉल करने वाले को नाम से बुलाते थे। इसके बाद बातों में फंसाकर परिचित बताते थे। वे कहते थे कि किसी को पैसे ट्रांसफर करने हैं लेकिन हो नहीं हो रहे हैं। इसलिए आपको पैसे ट्रांसफर कर रहे हैं आप दूसरे को भेज दीजिए। इस पर किसी को कोई रिस्क भी समझ नहीं आता था। आरोपी सामने वाले को एक मैसेज शेयर करते थे और उस लिंक पर क्लिक करते है सामने वाले के खाते से पैसे गायब हो जाते थे।
ओडिशा और असम से लाते है खास फर्जी सिम
धोखाधड़ी करने के लिए दोनों आरोपी ओडिशा, असम और नॉर्थ ईस्ट से फर्जी सिम लेकर लाते थे। इनका रेट करीब 1500 रुपये था। ऐसे सिम भी मिले हैं जिन पर पहले से ही PhonePe या Paytm की KYC हो चुकी थी जो करीब 3 से 5 हजार रुपये के थे।