
अजमेर. राजस्थान में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की नगरी कहे जाने वाले अजमेर में स्थित ढाई दिन का झोपड़ा एक बार फिर सुर्खियों में आ चुका है। जैन समाज के सुनील सागर महाराज ने दावा किया है कि यह पहले के समय में जैन मंदिर रहा होगा।
इसके साथ ही विधानसभा के स्पीकर वासुदेव देवनानी ने कहा है कि ढाई दिन के झोपड़े का भारतीय पुरातत्व विभाग से सर्वे भी होना चाहिए। 2 दिन पहले सुनील सागर महाराज और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कई नेता और कार्यकर्ता झोपड़े में गए थे।
वहां से आने के बाद उन्होंने दावा किया कि जब पार्श्वनाथ गुफा वाले मंदिर में गए तो वहां 100 से ज्यादा मूर्तियां रखी हुई थी। इसका मतलब है कि यहां पुराने समय में जैन मंदिर रहा होगा। आपसी समझदारी से इन मसलों का हल निकालना चाहिए। जहां मस्जिद है वहां मस्जिद रहने चाहिए लेकिन जहां मंदिर वगैरह को डिस्टर्ब किया है उन्हें वापस प्राचीन स्वरूप दिया जाना चाहिए।
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केवल इतना ही नहीं अजमेर के डिप्टी मेयर नीरज जैन के अनुसार पहले यहां एक संस्कृत विद्यालय था जिसे आक्रमणकारियों ने तोड़कर कब्जा करने का प्रयास किया। आपको बता दें कि यह पहला मामला नहीं है जब ढाई दिन का झोपड़ा सुर्खियों में आया हो। इसके पहले भाजपा से सांसद बोहरा सहित अन्य कई नेता यह मंदिर होने का दावा कर चुके हैं। वहीं कई मुस्लिम समाज और संगठन द्वारा अपना दावा बताया जाता है।
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