
(कोटा). शिक्षानगरी कोटा शहर में एक और दुखद घटना सामने आई है, जहां एक 16 वर्षीय बिहार के छात्र ने अपनी जान दे दी है। यह इस साल कोटा में छात्रों द्वारा की गई 17वीं आत्महत्या है, जो शिक्षा के बढ़ते दबाव की एक चिंताजनक तस्वीर पेश करती है। यह दुखद मामला विज्ञान नगर थाना क्षेत्र में स्थित वेलकम प्राइम हॉस्टल का है।
दरअसल, शुक्रवार रात एक छात्र हॉस्टल के रूम में छत के पंखे से लटका हुआ मिला। इसके घटना के बाद हड़कंप मच गया और पुलिस ने शव उतारकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा। लेकिन हैरानी की बात यह है कि छात्रावास के जिस कमरे में यह शव लटका मिला है, उस कमरे केमें पंखे में आत्महत्या रोकने के लिए एंटी-हैंगिंग डिवाइस लगा है। इसके बावजूद यह घटना कैसे हो गई। पुलिस को संदेह है कि यह आत्महत्या है या फिर और कुछ…जो कई सवाल खड़े कर रहा है। इंस्पेक्टर ने मुकेश मीणा ने बताया कि कि हम यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं की एंटी सुसाइड डिवाइस लगी होने के बाद भी छात्र ने किस तरह से जान दे दी।
बता दें कि छात्र पिछले 8 महीनों से कोटा में IIT-JEE परीक्षा की तैयारी कर रहा था और 11वीं कक्षा में पढ़ता था। वह बिहार के वैशाली जिले का रहने वाला था। इसी साल अप्रैल महीने में कोटा कोचिंग करने के लिए आया था। खबर मिलते ही परिवार के लोग कोटा रवाना हो गए हैं।
पुलिस ने अभी तक किसी सुसाइड नोट या स्पष्ट कारण का पता नहीं लगा पाया है। पिछले साल कोटा में 26 छात्रों ने आत्महत्या की थी, और इस साल यह संख्या पहले ही 17 तक पहुंच चुकी है। यह आंकड़ा शिक्षा व्यवस्था में मानसिक स्वास्थ्य और छात्रों पर दबाव को लेकर गंभीर सवाल उठाता है।
उधर लगातार हो रहे सुसाइड के कारण कोटा शहर अब देश दुनिया से आने वाले छात्रों के मन से उतरता जा रहा है। परिजन अपने बच्चों को खोने के डर से कोटा पढ़ने के लिए नहीं भेज रहे हैं और यही कारण है कोटा में पढ़ने के लिए आने वाले छात्रों की संख्या 2 साल से लगातार घट रही है।
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