
कोटा. राजस्थान में अप्रैल की शुरुआत के साथ ही गर्मी ने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है। तापमान में लगातार बढ़ोतरी से न केवल इंसान परेशान हैं, बल्कि मवेशियों और वन्यजीवों के लिए भी जल संकट गहराने लगा है। कोटा जिले के लखवा गांव में स्थित एक ऐतिहासिक तालाब अब सूखने की कगार पर है, और इसे बचाने के लिए ग्रामीणों ने अनोखी पहल की है।
गांव के बीचोंबीच स्थित यह तालाब वर्षों से मवेशियों और वन्यजीवों के लिए जीवनदायिनी रहा है। लेकिन इस साल गर्मी ने समय से पहले ही दस्तक दे दी, जिससे तालाब का जलस्तर तेजी से घटने लगा। ग्रामीणों ने अब उस हिस्से को घेर लिया है, जहां थोड़ी बहुत मात्रा में पानी बचा हुआ है। ताकि गर्मी के दिनों में जानवरों के लिए यह आखिरी स्रोत बना रहे।
पानी की चोरी पर लगेगा 11 हजार रुपये का जुर्माना ग्रामीणों ने मिलकर यह फैसला किया है कि कोई भी व्यक्ति तालाब से मोटर या पंप के जरिए टैंकर में पानी नहीं भर सकेगा। अगर कोई ऐसा करता है, तो उस पर ₹11,000 का जुर्माना लगाया जाएगा। यह कदम तालाब के जलस्तर को बनाए रखने और जल संरक्षण के लिए लिया गया है।
सरकारी उपेक्षा पर जताई नाराजगी स्थानीय लोगों का कहना है कि यह तालाब रियासतकालीन है और वर्षों से उपेक्षा का शिकार है। बारिश के मौसम में यह तालाब लबालब भरता है, लेकिन समय पर सफाई और मरम्मत न होने के कारण गर्मी आते ही सूखने लगता है। ग्रामीणों ने सरकार से मांग की है कि इस ऐतिहासिक जलस्रोत की मरम्मत की जाए और इसे स्थायी रूप से संरक्षित किया जाए।
गर्मी बढ़ी तो संकट और गहराएगा तेज गर्मी और बारिश की कमी की स्थिति में अगर जल्द कदम नहीं उठाए गए, तो पानी की किल्लत और विकराल रूप ले सकती है। यह पहल एक मिसाल है कि कैसे ग्रामीण अपने स्तर पर जल बचाने के लिए आगे आ रहे हैं।
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