इस दुर्गा मंदिर में रोज हजारों की संख्या में श्रद्धालु देवी के दर्शन के लिए आते हैं। जलालुद्दीन खान के मुताबिक, उनके पूर्वज सैकड़ों साल पहले सिंध से यहां आए थे, जो अब पाकिस्तान में है। वे लोग इसी गांव में बस गए हैं। अब पीढ़ी दर पीढ़ी देवी की सेवा करते आ रहे हैं।