
जयपुर, (राजस्थान). जयपुर की ऐतिहासिक जामा मस्जिद (Jama Masjid) में शुक्रवार को रमज़ान के आखिरी जुमे की विशेष नमाज (jumma namaj) अदा की गई। इस मौके पर हजारों की संख्या में रोजेदार मस्जिद पहुंचे और अल्लाह की इबादत की। इस दौरान मुस्लिम समाज के लोगों ने वक्फ संशोधन एक्ट (Waqf Amendment Act) के विरोध में काली पट्टी बांधकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया।
रमज़ान के आखिरी जुमा को 'जुमातुल विदा' के रूप में मनाया जाता है और इसे काफी महत्व दिया जाता है। इस अवसर पर जयपुर की जामा मस्जिद समेत कई अन्य मस्जिदों में विशेष नमाज का आयोजन किया गया। नमाजियों ने हाथों में काली पट्टी बांधकर केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित वक्फ संशोधन एक्ट का विरोध किया। उनका कहना था कि यह एक्ट मुस्लिम समाज की धार्मिक और सामाजिक संरचनाओं को प्रभावित कर सकता है।
इस मौके पर विभिन्न राजनीतिक और सामाजिक संगठनों के नेता भी मौजूद रहे। स्थानीय विधायक और वक्फ बोर्ड के पदाधिकारियों ने भी नमाज अदा की और सरकार से अपील की कि मुस्लिम समाज की चिंताओं को गंभीरता से लिया जाए। मस्जिद प्रशासन ने नमाजियों के लिए विशेष इंतजाम किए, जिसमें वजू की व्यवस्था, सुरक्षा, और ट्रैफिक नियंत्रण शामिल था।
नमाज के बाद जामा मस्जिद के सेक्रेटरी जहीरउल्लाह खान ने सालभर का लेखा-जोखा पेश किया और आगामी ईद-उल-फितर की तैयारियों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस बार फितरा की राशि 65 रुपये निर्धारित की गई है। साथ ही, ईद की नमाज का समय सुबह 7:20 बजे तय किया गया है।
जयपुर पुलिस और प्रशासन ने भी इस आयोजन के दौरान पूरी सतर्कता बरती और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए। नमाजियों ने भी पूरी शांति और अनुशासन के साथ नमाज अदा की।
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