
जयपुर: राजस्थान में धर्मांतरण को लेकर अब सख्त कानून बनने की तैयारी हो रही है। राज्य सरकार ने जबरन और सामूहिक धर्मांतरण पर रोक लगाने के लिए नया विधेयक विधानसभा में पेश किया है। इस विधेयक के तहत जबरन धर्मांतरण कराने वालों को 10 साल तक की सजा और 5 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
राजस्थान सरकार द्वारा पेश किए गए ‘दि राजस्थान प्रोहिबिशन ऑफ अनलॉफुल कन्वर्जन ऑफ रिलीजन बिल-2024’ में जबरन धर्मांतरण, लालच देकर धर्म बदलवाने और लव जिहाद जैसी घटनाओं पर सख्त कार्रवाई का प्रावधान है। सरकार का कहना है कि प्रदेश में इस तरह की घटनाएं बढ़ रही थीं, जिसके चलते यह कानून जरूरी हो गया था।
यदि कोई व्यक्ति स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन करना चाहता है, तो उसे धर्म परिवर्तन से 60 दिन पहले जिला कलेक्टर कार्यालय में इसकी सूचना देनी होगी। बिना अनुमति धर्म बदलने पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है।
यदि कोई व्यक्ति बहला-फुसलाकर, लालच देकर या किसी भी प्रकार के दबाव से धर्म परिवर्तन करवाता है, तो उसे 3 से 10 साल तक की सजा हो सकती है। इसके अलावा, यदि कोई शादी सिर्फ धर्म परिवर्तन के उद्देश्य से की जाती है, तो उसे पारिवारिक न्यायालय में रद्द किया जा सकता है।
राज्य सरकार के कानून मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि अवैध धर्मांतरण को रोकने के लिए इस विधेयक की जरूरत थी, क्योंकि वर्तमान में इस तरह के मामलों को रोकने के लिए कोई विशेष कानून नहीं है। कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी देने के बाद विधानसभा में पेश किया गया।
गौरतलब है कि 2008 में वसुंधरा राजे सरकार ने भी धर्मांतरण पर एक विधेयक पेश किया था, लेकिन उसे राष्ट्रपति की मंजूरी नहीं मिल पाई थी। अगर यह नया विधेयक पारित हो जाता है, तो राजस्थान में 16 साल बाद नया धर्मांतरण कानून लागू होगा।
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