PM Modi Bikaner Visit karni mata mandir : करणी माता मंदिर, जहां चूहों को 'काबा' कहा जाता है और उनका झूठा प्रसाद खाया जाता है, पीएम मोदी के संभावित दौरे से चर्चा में। इस मंदिर के अनोखे रीति-रिवाज और मान्यताएं इसे रहस्यमयी बनाते हैं।
PM Modi Bikaner Visit karni mata mandir : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रस्तावित बीकानेर यात्रा के दौरान देशनोक स्थित करणी माता मंदिर में दर्शन की संभावना ने एक बार फिर इस रहस्यमयी मंदिर को सुर्खियों में ला दिया है। “चूहों वाली माता” के नाम से प्रसिद्ध यह मंदिर अपने अनोखे रीति-रिवाजों और मान्यताओं के लिए दुनियाभर में जाना जाता है। आइए जानें इस मंदिर की 10 खास बातें जो इसे विशेष बनाती हैं,
30,000 से अधिक चूहे हैं मंदिर में – यहां हजारों काले चूहे स्वतंत्र रूप से घूमते हैं। इन्हें 'काबा' कहा जाता है और माता का रूप मानकर पूजा जाता है।
सफेद चूहे हैं अत्यंत शुभ – यदि किसी श्रद्धालु को सफेद चूहा दिख जाए, तो यह माता का विशेष आशीर्वाद माना जाता है।
चूहों के झूठे प्रसाद को पूजा जाता है – भक्त चूहों द्वारा खाया गया प्रसाद श्रद्धा से ग्रहण करते हैं, यह अत्यंत पवित्र माना जाता है।
चूहों की मृत्यु नहीं होती – मान्यता है कि यहां चूहे स्वाभाविक रूप से नहीं मरते। यदि गलती से कोई चूहा मारा जाए तो उसके स्थान पर चांदी का चूहा चढ़ाया जाता है।
15वीं सदी का प्राचीन मंदिर – यह मंदिर करणी माता के सम्मान में 600 साल पहले बनवाया गया था। उन्हें दुर्गा का अवतार माना जाता है।
करणी माता को चूहों की रक्षक माना जाता है – मान्यता है कि करणी माता ने मृतकों को चूहे के रूप में पुनर्जीवित किया था।
विशेष जालीदार संरचना – चूहों की सुरक्षा के लिए मंदिर में विशेष संरचनाएं बनाई गई हैं, जिससे उन्हें कोई हानि न हो।
बीकानेर राजपरिवार की कुलदेवी – करणी माता बीकानेर राजघराने की कुलदेवी हैं और शाही परिवार आज भी विशेष अवसरों पर यहां दर्शन करता है।
चूहों को दूध-लड्डू का भोग – रोजाना हजारों चूहों को दूध, लड्डू और मिठाइयों का भोग लगाया जाता है।
प्रधानमंत्री की यात्रा से बढ़ी चर्चा – पीएम मोदी की संभावित यात्रा के चलते यह मंदिर अब एक बार फिर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय चर्चा में है।
चमत्कार और रहस्य से भरा पड़ा है यह मंदिर
करणी माता मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि आस्था, चमत्कार और रहस्य का जीवंत प्रतीक है। प्रधानमंत्री की यात्रा से यह स्थान एक बार फिर राष्ट्रीय पहचान और पर्यटन केंद्र के रूप में उभर सकता है।
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