
Annapurna Bhandar Yojana Rajasthan: राजस्थान सरकार एक बार फिर अपने बहुचर्चित लेकिन पिछली बार अधूरी रह गई योजना 'अन्नपूर्णा भंडार योजना' को नए तेवर और ताजगी के साथ लॉन्च करने जा रही है। सरकार का दावा है कि इस बार योजना न सिर्फ सस्ते दाम पर सामान उपलब्ध कराएगी, बल्कि 'बिना राशन कार्ड' के भी आमजन को खरीदारी की पूरी आज़ादी मिलेगी।
इस बार करीब 5000 राशन दुकानों को चुना जाएगा, जहां 10 ज़रूरी घरेलू प्रोडक्ट उपभोक्ताओं को बाजार से सस्ती कीमत पर मिलेंगे। इन प्रोडक्ट्स में शामिल होंगे – खाद्य तेल, मसाले, साबुन, वॉशिंग पाउडर, अचार, माचिस, गुड़ और बिस्किट। उपभोक्ता को अब यह सामान लेने के लिए न तो सरकारी प्रमाणपत्रों की ज़रूरत पड़ेगी, न ही लाइन में लगना होगा।
टोंक जिले से शुरुआत करते हुए 60 दुकानों के लिए प्रस्ताव भेजा जा चुका है। योजना का विस्तार पूरे राज्य में 5000 राशन दुकानों तक करने की तैयारी है। पिछली बार (2015 में) योजना लागू हुई थी लेकिन उपभोक्ता की पसंद की अनदेखी और महंगे प्रोडक्ट थोपे जाने के कारण योजना बंद करनी पड़ी थी।
सरकार इस बार पिछली गलतियों से सीखते हुए लोकप्रिय और ज़रूरत के हिसाब से सामान चुन रही है। अधिकारियों ने जयपुर में समीक्षा बैठक कर सभी जिलों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि इस बार किराना उत्पादों की गुणवत्ता और मांग दोनों पर विशेष ध्यान देना होगा।
योजना न सिर्फ उपभोक्ताओं को राहत देगी, बल्कि राशन डीलर्स की आय भी बढ़ेगी। उन्हें अब एक अतिरिक्त आय स्रोत मिलेगा, जिससे उनकी दुकानें आत्मनिर्भर बन सकेंगी। यह पहल खासतौर पर छोटे शहरों और कॉलोनियों में रहने वालों के लिए लाभकारी साबित हो सकती है, जहां ब्रांडेड सामान महंगे और कम उपलब्ध रहते हैं।
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