राजस्थान विधानसभा के उपचुनाव में 69 उम्मीदवारों के बीच टक्कर, जिसमें बीजेपी, कांग्रेस और क्षेत्रीय दलों का जोरदार मुकाबला। दौसा, झुंझुनू, देवली उनियारा, रामगढ़, खींवसर, सलूंबर और चौरासी सीटों पर मतदान में 19 लाख से अधिक मतदाता शामिल होंगे।
जयपुर। राजस्थान की 7 विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव में 69 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें प्रमुख मुकाबला बीजेपी, कांग्रेस और क्षेत्रीय दलों के बीच है। इस उपचुनाव के तहत दौसा, झुंझुनू, देवली उनियारा, रामगढ़, खींवसर, सलूंबर और चौरासी विधानसभा सीटों पर मतदान होगा। कुल 19 लाख 36 हजार 533 मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे, जिनमें 10 लाख 4 हजार 283 पुरुष और 9 लाख 32 हजार 243 महिला मतदाता हैं।
सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रशासन ने कड़ी तैयारियां की हैं। 9 हजार से अधिक सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है, जबकि केंद्रीय सुरक्षा बल की 43 कंपनियां और आरएसी की 17 कंपनियां चुनावी सुरक्षा में जुटी हैं। कुल 1915 मतदान केंद्रों में से 604 को संवेदनशील घोषित किया गया है, जिन पर केंद्रीय बलों की तैनाती की गई है। इसके अलावा, 53 नाकों पर CCTV निगरानी की जा रही है, और 12 अंतरराज्यीय पुलिस नाके लगाए गए हैं।
ये उपचुनाव बीजेपी की लिए यह बड़ी परीक्षा साबित हो सकती है, क्योंकि पार्टी की इनमें से केवल एक सीट थी। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने चुनावी रणनीति की कमान स्वयं संभाली है। कांग्रेस, जो लोकसभा चुनाव 2024 में 11 सीटें जीत चुकी है, पर भी दबाव है कि वह विधानसभा चुनावों में भी अपनी सफलता को दोहराए। वहीं क्षेत्रीय दल जैसे राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) और भारत आदिवासी पार्टी (BAP) अपने राजनीतिक अस्तित्व को बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं।
विशेष रूप से दौसा, खींवसर और चौरासी सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल सकता है। दौसा में बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है, जहां किरोड़ी लाल मीणा और सचिन पायलट जैसे दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर है। खींवसर में आरएलपी के कनिका बेनीवाल, बीजेपी के रेवंत राम और कांग्रेस के रतन चौधरी के बीच मुकाबला है। इन सीटों पर चुनावी परिणाम राज्य की सियासत की दिशा तय कर सकते हैं।
झुंझुनू- राजेंद्र भांबू (बीजेपी)- अमित ओला (कांग्रेस)- राजेंद्र गुढ़ा (निर्दलीय)
खींवसर- रेवंत राम (बीजेपी)- रतन चौधरी (कांग्रेस)- कनिका बेनीवाल (RLP)
चौरासी- कारीलाल ननोमा (बीजेपी)- महेश रोत (कांग्रेस)- अनिल कटारा (BAP)
सलूंबर- शांता देवी (बीजेपी)- रेशमा मीणा (कांग्रेस)- जीतेश कटारा (BAP)
देवली उनियारा- राजेंद्र गुर्जर (बीजेपी)- केसी मीणा (कांग्रेस)- नरेश मीणा (निर्दलीय)
दौसा- जगमोहन मीणा (बीजेपी)- दीनदयाल बैरवा (कांग्रेस)
रामगढ़- सुखवंत सिंह (बीजेपी)- आर्यन जुबेर खान (कांग्रेस)