
जयपुर. राजस्थान सरकार ने एक अहम फैसले (Rajasthan Bhajanlal Government Big Decision) में आगामी छह महीनों तक राज्य में किसी भी प्रकार की हड़ताल पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। गृह विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार, यह प्रतिबंध राजस्थान अत्यावश्यक सेवाएं अनुरक्षण अधिनियम, 1970 के तहत लागू किया गया है। इस फैसले के बाद किसी भी सरकारी या गैर-सरकारी संगठन के कर्मचारियों को हड़ताल (Government Employees Will Not Be Go on Strike) करने की अनुमति नहीं होगी।
राज्य सरकार ने इस कदम को आम जनता के हित में उठाया है। खासतौर पर आपातकालीन और चिकित्सा सेवाओं को सुचारू बनाए रखने के लिए यह फैसला लिया गया है। सरकार ने हड़ताल से प्रभावित होने वाली सेवाओं को अत्यावश्यक सेवा घोषित किया है, जिसमें— 108 आपातकालीन एंबुलेंस सेवा जननी एक्सप्रेस 104 ममता एक्सप्रेस चिकित्सा परामर्श सेवाएं (104 हेल्पलाइन) अन्य हेल्पलाइन और कॉल सेंटर सेवाएं सरकार का कहना है कि अगर हड़ताल होती, तो इसका सीधा असर हजारों मरीजों, गर्भवती महिलाओं और आपातकालीन चिकित्सा सहायता पर पड़ता। इसी कारण यह प्रतिबंध आवश्यक था।
हालांकि, सरकार के इस फैसले पर सरकारी और अर्ध-सरकारी कर्मचारियों के बीच नाराजगी देखी जा रही है। कई संगठनों का कहना है कि सरकार को उनके मुद्दों को हल करने के लिए बातचीत करनी चाहिए, न कि प्रतिबंध लगाकर आवाज दबानी चाहिए। कुछ संगठनों ने सरकार के इस फैसले को "अलोकतांत्रिक" करार दिया है और कानूनी विकल्प तलाशने की बात कही है।
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