जयपुर. राजस्थान में संचालित करीब 40 हजार प्राइवेट स्कूलों पर एक साथ जुर्माना लगाने का मामला सामने आया है। राज्य आयुक्त ने स्कूल शिक्षा विभाग को प्रत्येक स्कूल के खिलाफ 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाने का आदेश दिया है। जुर्माने की यह पूरी राशि मुख्यमंत्री कोष में जमा होगी।
राजस्थान के प्राइवेट स्कूल डिसेबल्ड फ्रेंडली नहीं
इस पूरे मामले को लेकर राज्य आयुक्त उमाशंकर शर्मा ने कहा कि प्रदेश में 40 हजार से ज्यादा प्राइवेट स्कूल संचालित है। ऐसी आशंका है कि इन स्कूलों में अधिकांश स्कूल डिसेबल्ड फ्रेंडली नहीं है। इसी को लेकर शिक्षा विभाग को ऑडिट करने और दोषी स्कूल अधिकारियों के खिलाफ जुर्माना लगाने के लिए निर्देश दिया है।
जानिए स्कूलों और यूनिवर्सिटी की वो गलती
उच्च शिक्षा विभाग ने हाल ही में विकलांगों के अनुकूल बुनियादी ढांचे की आवश्यकताओं का अनुपालन नहीं करने और सरकारी योजनाओं से लाभ के बावजूद पीडब्ल्यूडी छात्रों के लिए 5% का आरक्षित कोटा शुरू नहीं करने पर अदालत के निर्देशों के बाद 3 यूनिवर्सिटी के खिलाफ भी एक्शन लेते हुए नोटिस जारी किया था।
अब प्राइवेट यूनिवर्सिटी की बारी
राज्य आयुक्त उमाशंकर शर्मा का कहना है कि हमारी जांच में यह भी सामने आया कि कई यूनिवर्सिटी में जमीन खरीदने सब्सिडी जैसी सरकारी मदद तो ली है लेकिन उन्होंने पीडब्ल्यूडी छात्रों के लिए पांच प्रतिशत का अनिवार्य कोटा लागू ही नहीं किया। फिलहाल लगातार जांच जारी रहेगी। प्रदेश में अन्य भी प्राइवेट यूनिवर्सिटी और स्कूलों में इस तरह की जांच की जाएगी।
सुविधाओं के नाम पर मोटी फीस वसूलते हैं स्कूल
आपको बता दे कि अमूमन हम देखते हैं कि स्कूलों में सुविधाओं के नाम पर मोटा पैसा वसूला जाता है। लेकिन हकीकत यह है कि स्कूलों में विकलांग बच्चों के लिए व्हीलचेयर और रैंप जैसी मूलभूत सुविधाएं तक मुहैया नहीं होती है। यदि कोई विकलांग पढ़ने के लिए आता है तो उसे काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।