मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ज्यूडिशियरी पर दिए गए बयान पर राजस्थान हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया है।
Rajasthan HC notice: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ज्यूडिशियरी पर दिए गए बयान पर राजस्थान हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया है। हाईकोर्ट ने कहा कि जो बयान गहलोत ने दी है वह प्रथम दृष्टया न्यायालयों को बदनाम करने वाला लग रहा क्योंकि यह किसी विशेष मामले या मामलों की कैटेगरी के संदर्भ में नहीं है बल्कि न्यायापालिका के खिलाफ सामान्य प्रकृति का है। जस्टिस मणिंद्र मोहन श्रीवास्तव और जस्टिस आशुतोष कुमार की बेंच इस मामले में एक पीआईएल पर सुनवाई कर रही थी। दरअसल, अशोक गहलोत ने एक बयान में देश के कोर्ट्स में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था।
कोर्ट ने तीन सप्ताह में सीएम अशोक गहलोत से मांगा जवाब
हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को नोटिस जारी करते हुए तीन सप्ताह में जवाब मांगा है। सुनवाई के दौरान नोटिस जारी करते हुए डबल बेंच ने कहा कि हम प्रतिवादी का इस मामले में जवाब जानना चाहते हैं। दरअसल, यह पीआईएल, प्रतिवादी के न्यूजपेपर्स में छपे बयान के आधार पर दाखिल किया गया है। पीआईएल को वकील शिवशरण गुप्ता ने दाखिल किया है। अशोक गहलोत ने 30 अगस्त को बयान दिए थे। उन्होंने अपील किया कि कोर्ट को इस मामले में स्वत: संज्ञान में लेकर अशोक गहलोत पर कार्रवाई करनी चाहिए। उनका बयान भारतीय संविधान के आर्टिकल 215 का उल्लंघन है। वकील शिवशरण गुप्ता कोर्ट में स्वयं उपस्थित हुए थे।
क्या कहा था अशोक गहलोत ने जिस पर मचा बवाल?
अशोक गहलोत ने मीडिया में बयान दिया था: आज जो बताइए इतना करप्शन हो रहा है ज्यूडिशियरी के अंदर, इतना भयंकर करप्शन है, कई वकील तो मैंने सुना है, लिख के ले जाते हैं जजमेंट और जजमेंट वही आता है।