
जयपुर. राजस्थान में शिक्षा और भर्ती परीक्षाओं में फर्जीवाड़े का एक और बड़ा मामला सामने आया है, जिसमें राज्य सरकार के एक निलंबित शिक्षक पर गंभीर आरोप लगे हैं। आरोपी उम्मेद सिंह, जो पाली जिले के रोहट तहसील के राखणा गांव का रहने वाला है और वर्तमान में सिरोही जिले के डीईओ कार्यालय में द्वितीय श्रेणी शिक्षक के पद से निलंबित चल रहा था, को जयपुर SOG ने गिरफ़्तार कर लिया है।
सूत्रों के अनुसार, उम्मेद सिंह पर SOG थाना में प्रकरण संख्या 02/2024 के तहत केस दर्ज है। आरोपी पर ₹10,000 का इनाम घोषित था और वह लंबे समय से फरार चल रहा था। हाल ही में डीईओ कार्यालय सिरोही में उपस्थिति देने के दौरान उसे दस्तयाब किया गया, जिसके बाद SOG टीम उसे जयपुर लेकर पहुंची।
उम्मेद सिंह पर आरोप है कि वह वर्ष 2018 और 2021 की उप निरीक्षक भर्ती परीक्षाओं, द्वितीय श्रेणी शिक्षक परीक्षा 2022, हिंदी विषय के व्याख्याता परीक्षा 2020 और 2022, शारीरिक शिक्षक भर्ती परीक्षा 2022 और रीट लेवल द्वितीय परीक्षा 2022 में डमी कैंडिडेट बनकर शामिल हुआ। इन सभी परीक्षाओं में उसने मोटी रकम लेकर असली उम्मीदवारों की जगह बैठकर पेपर दिया।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि उम्मेद सिंह खुद एक सरकारी अधिकारी था, जिसे सरकारी आवास, पेंशन, वाहन सुविधा जैसी कई सुविधाएं मिल रही थीं। उसका वेतन 56,100 रुपये से शुरू होकर 1.77 लाख रुपये तक जाने वाला था, लेकिन लालच ने उसका करियर और नाम दोनों मिट्टी में मिला दिया।
SOG की इस कार्रवाई में जोधपुर यूनिट के कांस्टेबल अजय सिंह की प्रमुख भूमिका रही। अब पुलिस आरोपी से और नाम उजागर होने की संभावना पर पूछताछ कर रही है।
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